उत्तराखंड  “बोल -बम – बम -बम” के जयकारों से गूंजा हरिद्वार, कांवड़ मेला 2025 अपनें अंतिम चरण की और प्रशासन मुस्तैद,,,

उत्तराखंड  “बोल -बम – बम -बम” के जयकारों से गूंजा हरिद्वार, कांवड़ मेला 2025 अपनें अंतिम चरण की और प्रशासन मुस्तैद,,,

उत्तराखंड  “बोल -बम – बम -बम” के जयकारों से गूंजा हरिद्वार, कांवड़ मेला 2025 अपनें अंतिम चरण की और प्रशासन मुस्तैद,,,

हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार में कांवड़ मेला 2025 अब अपने चरम पर पहुंच चुका है। सावन के दूसरे सोमवार पर शिवभक्तों का जनसैलाब हरिद्वार की गलियों, घाटों और शिवालयों में उमड़ पड़ा। “बम-बम भोले”, “जय शंभू” के जयघोषों के साथ श्रद्धालु गंगाजल लेकर भगवान शिव को दूध, बेलपत्र, चंदन और पुष्प अर्पित कर रहे हैं।

शिवालयों में उमड़ती भीड़ को नियंत्रित करने और व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरिद्वार के एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल तथा जिलाधिकारी मयूर दीक्षित स्वयं मैदान में डटे हुए हैं।

व्यवस्था पर प्रशासन की पकड़ — ट्रैफिक, पार्किंग और सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतज़ाम

डाक कांवड़ियों के वाहनों पर नियंत्रण

जैसे-जैसे मेला अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, डाक कांवड़ियों की संख्या में जबरदस्त वृद्धि देखी जा रही है। हरिद्वार पुलिस ने वाहनों की भीड़ से बचने हेतु स्कूटी, बाइक, कार, डीजे ट्रक आदि को शहर सीमा से बाहर ही रोकने का निर्णय लिया है।

भीड़ रोकने के उपाय


बैरागी कैंप, अलकनंदा, नीलधारा और अन्य बड़ी पार्किंगें लगभग भर चुकी हैं। रविवार से दुपहिया वाहनों के लिए रूट डायवर्जन लागू कर दिया गया है।

सख्त ट्रैफिक योजना
हरिद्वार पुलिस द्वारा 11 जुलाई से विशेष ट्रैफिक प्लान लागू किया गया है। 18 जुलाई से मेले के समापन तक भारी वाहनों का प्रवेश पूर्णतः प्रतिबंधित है। दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरियाणा, पंजाब जैसे राज्यों से आने वाले कांवड़ियों के लिए लालजी वाला, दीनदयाल, पंतदीप, मोतीचूर जैसी पार्किंग चिन्हित की गई हैं।

QR कोड के माध्यम से कांवड़ियों को लाइव पार्किंग स्थिति की जानकारी दी जा रही है

कांवड़ की सीमा तय
डाक कांवड़ की अधिकतम ऊंचाई 10 फीट और चौड़ाई 12 फीट निर्धारित की गई है ताकि मार्ग अवरुद्ध न हो और दुर्घटनाओं से बचाव हो सके।

श्रद्धालुओं का सैलाब  3 करोड़ पार कर चुकी है संख्या

हरिद्वार प्रशासन के अनुसार, अब तक 2 करोड़ से अधिक कांवड़िए गंगाजल लेकर वापस लौट चुके हैं, जबकि कई रिपोर्टों में यह संख्या 3 करोड़ तक पहुंच चुकी बताई जा रही है।

पंचक (13–17 जुलाई) के बाद डाक कांवड़ियों का भारी आगमन हुआ है और शिवरात्रि (23 जुलाई) तक यह संख्या अपने चरम पर होगी।

प्रशासन के लिए अब यह सप्ताह सबसे चुनौतीपूर्ण चरण माना जा रहा है।

चाक-चौबंद सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं सुरक्षा के लिए

– 6,000 से अधिक पुलिसकर्मी, पीएसी और होमगार्ड जवानों की तैनाती।

– CCTV और ड्रोन से मेले की 24 घंटे निगरानी।

– संवेदनशील स्थलों पर विशेष निगरानी टीम।

स्वास्थ्य सेवाएं
– 450 से अधिक डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ तैनात।

– 30 एंबुलेंस, बाइक एंबुलेंस और स्वास्थ्य कैम्प तैयार।

– प्रमुख स्थलों पर चिकित्सा सहायता केंद्र।

अस्थायी बस अड्डे
ऋषिकुल मैदान, मोतीचूर, नीलधारा आदि में अस्थायी बस अड्डों की स्थापना।

प्रशासन की सक्रियता एवं मेला व्यवस्था पर सीधा नियंत्रण

एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल और डीएम मयूर दीक्षित द्वारा लगातार मेला क्षेत्र में निरीक्षण किया जा रहा है। जाम, अव्यवस्था और अनुशासनहीनता से निपटने हेतु अधिकारियों द्वारा स्वयं मार्गदर्शन किया जा रहा है।

“शिवभक्तों को न केवल भक्ति का अनुभव हो, बल्कि सुरक्षा और सुविधा भी प्राप्त हो — यही हमारी प्राथमिकता है- प्रमेंद्र डोबाल, एसएसपी हरिद्वार

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