सरकारी दावों की हकीकत, ग्रामीण क्षेत्रों में सीमित कोरोना टेस्टिंग, टीकाकरण रजिस्ट्रेशन परेशानी एवं वैक्सीन के अभाव में चलते जनता हो रही है परेशान
abpindianews, हरिद्वार – प्रदेश के साथ हरिद्वार जिले में भी कोरोना के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। शहरों के साथ-साथ अब ग्रामीण इलाकों में भी कोरोना तेजी से फैल रहा है। संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा कोरोना जाँच के साथ ही वैक्सीनशन में तेजी लाने की बात जरूर कही जा रही लेकिन सच्चाई यही है कि वैक्सीन के अभाव में वैसिनेशन की गति काफी धीमी है।
सरकार के मंत्री भी दावा कर रहे हैं, की वैक्सीनेशन और टेस्टिंग बढ़ाई गई है। लेकिन आबादी के हिसाब से न तो जाँच केंद्र पर्याप्त है और न ही वैक्सीनशन केंद्र। ऊपर से एंड्रॉयड फोन न होने के चलते ग्रामीणों और मजदूर वर्ग के सामने बड़ी परेशानी खड़ी हो गई है, रजिस्ट्रेशन न होने से वैक्सीन नही लग पा रही है।
हरिद्वार ग्रामीण विधायक और गन्ना राज्य मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे है। ग्रामीण क्षत्रों में आरटीपीसीर जाँच में तेजी लाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन लगाने के लिए अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों पर भी वैक्सीनशन सेंटर बनाने की तैयारी की जा रही है।
लेकिन सवाल यही है कि वैक्सीन की कमी और वैक्सीनेशन के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता है, ऐसे में ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन में काफी दिक्कत आ रही है। गांव और दूर दराज के लोगों के पास न तो एंड्रॉयड फ़ोन है, अगर फ़ोन है भी तो नेट की दिक्कत और रजिस्ट्रेशन की जानकारी का अभाव है, ऐसे में बहुत बड़ी आबादी वैक्सीनेशन से अब तक वंचित है। अब देखना होगा आने वाले दिनों में स्थानीय प्रशासन और सरकार कैसे और किस रूप में इसका समाधान करती है। ताकि कोविड जैसी वैश्विक माहमारी से लड़ाई में गांव और दूरदराज क्षेत्र के लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।
जहां शहरों में जनता संक्रमण से बचने हेतु भांति भांति के उपाय sanitizer एवं मास्क का इस्तेमाल कर रही हैं वही गांव-देहात में अभी भी जनता संक्रमण बचाव हेतु इन सब की अनदेखी कर रही हैं। कोरोना संक्रमण के साथ-साथ black fungus के मामले भी प्रदेश सरकार की चिंता बढ़ा रहे हैं। यदि प्रदेश सरकार ने अब भी कोरोना एवं ब्लैक फंगस के प्रभाव को रोकने हेतु कोई ठोस रणनीति नहीं बनाती तो प्रदेश में संक्रमण की स्थिति और ज्यादा चिंताजनक हो सकती है।