उत्तराखंड केदारनाथ यात्रा में दर्शनो को अब नहीं लगेगी लंबी लाइने, प्रशासन ने बदली व्यवस्था, श्रद्धालु कृपया ध्यान दें,,,

उत्तराखंड केदारनाथ यात्रा में दर्शनो को अब नहीं लगेगी लंबी लाइने, प्रशासन ने बदली व्यवस्था, श्रद्धालु कृपया ध्यान दें,,,
देहरादून: इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं को दर्शन के लिए लंबी कतारों में नहीं लगना होगा। प्रशासन ने टोकन व्यवस्था शुरू की है जिससे अब एक घंटे में दर्शन हो सकेंगे। पैदल मार्ग को साफ़ रखने के लिए हर 50 मीटर पर पर्यावरण मित्र तैनात रहेंगे। रुद्रप्रयाग में यात्रा की तैयारियों को लेकर जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यह घोषणा की। चारधाम पैकेज के यात्रियों के लिए यह सुविधा उपलब्ध रहेगी।
इस वर्ष केदारनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों को दर्शन के लिए लंबी कतारों में खड़ा नहीं होना पड़ेगा। प्रशासन ने दर्शन के लिए टोकन व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। वहीं, पैदल मार्ग की स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हर 50 मीटर पर एक पर्यावरण मित्र तैनात किया जाएगा।
जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने यात्रा तैयारियों की समीक्षा करते हुए कहा कि पैदल मार्ग पर रात के समय समुचित रोशनी, अलाव और गर्म पानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। सभी पड़ावों पर साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था हो। उन्होंने परिवहन विभाग को निर्देशित किया कि सभी सेक्टर मजिस्ट्रेटों के वाहनों में जल्द से जल्द जीपीएस लगाया जाए
पर्यटन मित्रों की तैनाती की जाएगी
जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि यात्रा मार्ग पर ‘पर्यटन मित्रों’ की तैनाती की जाएगी, जो श्रद्धालुओं की सहायता के साथ-साथ स्वच्छता व्यवस्था में भी सहयोग करेंगे। प्रत्येक घोड़े-खच्चर के साथ अनिवार्य रूप से हाकर्स की तैनाती की जाएगी, ताकि पशुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य की निगरानी बनी रहे।
एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने बताया कि संगम ब्रिज के पास टोकन काउंटर लगाए जा रहे हैं। पहले जहां दर्शन में तीन से चार घंटे लगते थे, वहीं अब एक घंटे में दर्शन सुनिश्चित किए जाएंगे। भीड़ नियंत्रण के लिए डाइवर्जन प्लान तैयार किया है। स्वच्छता व्यवस्था को और सशक्त बनाने के लिए रिसाइकल संस्था के सहयोग से कूड़े के निस्तारण की प्रभावी योजना बनाई है। एक विशेष कॉम्पेक्टर वाहन भी शीघ्र केदारनाथ पहुंचेगा।
सुलभ इंटरनेशनल के सहयोग से मंदिर परिसर और पैदल मार्ग पर 550 पर्यावरण मित्र तैनात किए जाएंगे। साथ ही, 50 नए शौचालयों का निर्माण भी लगभग पूर्ण हो चुका है। प्रशासन का कहना है कि इस बार यात्रा संचालन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा, सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। बैठक में यात्रा मार्ग से जुड़े सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।