ह्रदय रोगियो को कोरोना वैक्सीनेशन से पहले बरतनी होगी सावधानी- डाॅ. अमर उपाध्याय

ह्रदय रोगियो को कोरोना वैक्सीनेशन से पहले बरतनी होगी सावधानी- डाॅ. अमर उपाध्याय

abpindianews, देहरादून– क्या आप खून पतला करने की दवा लेते है?अगर हाॅ तो आपको कोविड 19 का टीका लगाना चाहिए या नहीं इस विषय पर खास जानकारी दे रहे है। दून मेडिकल काॅलेज के डीएम काॅडियोलाॅजिस्ट डाॅक्टर अमर उपाध्याय।

डाॅक्टर अमर उपाध्याय के अनुसार कोरोना वैक्सीनेसन को लेकर दिल के कई मरीज अभी भी भ्रमित है। दरअसल जब भारत में निर्मित कोवैक्सीन व कोविसील्ड लाॅच हुई थी तो दोनों कम्पनियों ने एक ब्लैक बाॅक्स जारी कर खून पतला करने वाली दवा का सेवन करने वाले मरीजों को यह टीका न लगाने की चेतावनी दी थी। जिसकी वजह यह थी कि यह दवा मांस में लगाई जाती है जिन मरीजों को खून पतला करने की दवा चल रही है उनके मांस में खून निकले की संभावना रहती है। लेकिन बाद में आईसीएमआर के डाॅक्टर भार्गव ने स्पष्ठ किया था कि थोडी सावधानी के साथ ऐसे मरीज कोविड की वैक्सीन को लगा सकते है!

डाॅक्टरो के अनुसार खून को पतला करने वाली दो प्रकार की दवा होती है जिसमें से एण्टीप्लेटीलेट दवा लेने वाले मरीज बिना हिचक के कोरोना का वैक्सीन लगा सकते है। लेकिन एण्टीगाॅगलेण्ट में अगर आपको वारफरीन दवा चल रही है तो वैक्सीन लगाने से पहले आईएनआर टेस्ट ले ले। अगर आई एन आर 3 से अधिक हो तो दवाई एडजेस्ट कर 3 से कम कर वैक्सीन लगायें साथ ही 23 गेज वाली सीरिंज से ही वैक्सीन लगाये और वैक्सीन वाले स्थान को रगडें नही बल्कि दो से पांच मिनट तक दबा के रखें। अतः खून पतला करने वाली दवा लेने वाले मरीजों के लिए यह उतना ही रिस्क है जितना दाड़ी बनाने पर कटने से है। इसलिए भ्राॅंतियां न पाले बेहिच कोविड 19 का टीका लगवायें।

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