दीपावली 2024? किस दिन करें मां वैभव लक्ष्मी की पूजा, और किस दिन मनाए दिवाली – ABP INDIA NEWS SPECIAL 

दीपावली 2024? किस दिन करें मां वैभव लक्ष्मी की पूजा, और किस दिन मनाए दिवाली – ABP INDIA NEWS SPECIAL 

दीपावली 2024? किस दिन करें मां वैभव लक्ष्मी की पूजा, और किस दिन मनाए दिवाली – ABP INDIA NEWS SPECIAL 

दिल्ली- इस वर्ष दीपावली की तारीख को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि आखिरकार दिवाली कब मनाई जाए। लगातार लोगों के मन में संशय बना हुआ कि इस बार दिवाली 31 अक्तूबर को मनाई जाए या फिर 01 नवंबर को। दिवाली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति इसलिए बनी हुई है क्योंकि इस वर्ष कार्तिक अमावस्या की तिथि एक दिन के बजाय दो दिन पड़ रही है। दिवाली की डेट को लेकर आपके मन में चल रही दुविधा को दूर करने के लिए अनुभवी, विद्वान ज्योतिषाचार्यों और देशभर के प्रमुख ज्योतिष और संस्कृत संस्थानों से बात करके आपको जानकारी दे रहे हैं।

वैदिक पंचांग के अनुसार

वैदिक पचांग के अनुसार हर वर्ष कार्तिक माह की अमावस्या तिथि पर रौशनी का पर्व दीपावली मनाई जाती है,लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन है जिसकी वजह से दिवाली की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई। यानी कार्तिक अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को भी और 01 नवंबर को भी है।

वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल अमावस्या तिथि 31 अक्तूबर को दोपहर 3 बजकर 12 मिनट पर शुरू हो जाएगी, जो 01 नवंबर की शाम तक रहेगी। इस तरह से दिवाली पर सभी तरह की वैदिक स्थितियां 31 अक्तूबर के दिन लागू रहेगी जबकि 01 नवंबर 2024 को अमावस्या तिथि सूर्योदय के दौरान रहेगी लेकिन समाप्ति शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगी।

किस दिन मनाएं दीपावली 

देश में दीपावली को लेकर अलग-अलग मान्यताएं सामने आ रही है। कुछ विद्वान सूर्य उदय को तो कुछ विद्वान तिथि को महत्व दे रहे हैं।  दिवाली 01 नवंबर को मनाना ज्यादा अच्छा हो गया 31 को यह बड़ा सवाल देश में बड़ी तेजी से वायरल हो रहा है।
कुछ लोगों का तर्क है कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजा हमेशा प्रदोष काल से लेकर मध्य रात्रि के बीच में पड़ने वाली कार्तिक अमावस्या के मध्य किया जाता है, इसलितए दिवाली का पर्व तर्कसंगत 31 अक्तूबर को ही मनाया जाना चाहिए। स्थिर लग्न में मां लक्ष्मी की पूजन करने से महालक्ष्मी स्थिर रहती हैं। ऐसे में दिवाली पर प्रदोष काल में पड़ने वाले वृषभ लग्न में ही महालक्ष्मी और भगवान गणेश का पूजन करना अति उत्तम रहेगा। पंचांग के अनुसार 31 अक्तूबर को वृषभ लग्न शाम को 6:25 से लेकर रात्रि 8:20 तक रहेगा। साथ ही इस समय प्रदोष काल भी मिल जाएगा। प्रदोषकाल, वृषभ लग्न और चौघड़ियां का ध्यान रखते हुए लक्ष्मी पूजन के लिए 31 अक्तूबर की शाम को 06:25 से लेकर 7:13 के बीच का समय सर्वोत्तम रहेगा। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त लक्ष्मी पूजन के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
वहीं दूसरी और कुछ तर्कशास्त्रियों का मानना है कि सूर्य उदय के समय पड़ने वाली तिथि का महत्व अधिक होता है वह लोग दिवाली 1 तारीख को मनाने के पक्षधर है। आपको बता दें कि 01 नवंबर 2024 को अमावस्या तिथि सूर्योदय के दौरान रहेगी लेकिन समाप्ति शाम को 06 बजकर 16 मिनट पर हो जाएगी। अतः 1 तारीख को दिवाली मानने वाले लोग शाम  06 बजकर 16 मिनट दीपावली का पूजन कर ले क्योंकि उसके उपरांत तिथि बदल जाएगी।
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