उत्तराखंड- दूर-दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं पहुंच रही आवश्यक सुविधाएं कई ग्रामीण बुखार की चपेट में
abpindianews, चमोली- पोखरी ब्लाॅक के दर्जनों गांव के लोग आजकल अज्ञात बुखारों से पीड़ित है लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधियों की लापरवाही और जनजागरूकता न होने से कोरोना जाॅच नही हो पा रही है।जबकि कई गाॅवो में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जाॅच किये जाने पर बडी संख्या में ग्रामीण कोविड पाॅजिटिव पाये जा रहे है।
लापरवाही का आलम यह है कि कोविड पाॅजिटिव के लक्षण होने के बावजूद मरीजों को कोरन्टीन नहीं किया जा रहा है।बुखार जुखाम,खांसी से पीड़ित मरीज खुलेआम घर -घर घूम रहे है।जिससे संक्रमण लगातार फैलता जा रहा है।लेकिन इसके बावजूद ग्राम प्रधान,क्षेत्र पंचायत सदस्य व स्वास्थ्य विभाग इस लापरवाही पर ध्यान नहीं दे रहे है।
जनप्रतिनिधि की लापरवाही का आलम यह है की बुखारो से पीड़ित लोगो को 15 से 18 दिन गुजर जाने के बाद कोविड टेस्ट किया जाता है और उसमें भी 85 प्रतिशत से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए जा रहे हैं।काॅण्डईखोला गाॅॅव इसका ताजा उदाहरण है। वही ग्रामीण क्षेत्रों के लिए दिए जा रहे कोविड किट मै भी बडी गड़बड़ी पायी गयी है।कोविड किट में कुछ दवाईयों के अलावा मास्क व सेनेटाईजर तक गायब है।ऑक्सोमीटर व थर्मामीटर तो देखने तक के लिए नशीब नहीं हो रहे है।
कोविड 19 की दूसरी लहर के खतरनाक स्तर पर पंहुचने से ग्रामीण क्षेत्रों भी अब दहसत का माहौल दिखाई देने लगा है।लेकिन जनप्रतिनिधियों की वेरूखी के कारण न तो गांवों मे सेनेटाइजेशन किया जा रहा है और नही कोरोना जाॅच।चिन्ताजनक स्थिति यह है कि मेडिकल की दुकानों में एंटीबायोटिक,विटामिन्स समेत आवश्यक दवायें की भी किल्लत हो गयी है।जिससे मरीज रामभरोसे बैठे हुए है,आपको बता दे कि पोखरी ब्लाक के सिनाऊ, सिमखोली, इज्जर,काण्डईखोला,विरसण,चैमड़ा,तमुण्डी, चोपडा,गन्याला, हरिशंकर,चौण्डी,मज्याडी,रौता,पोख्टा,आदि गांवों के लोग बुखार से पीडित है लेकिन शाासन-प्रशासन इसका संज्ञान नहीं ले रहा है।