देहरादून अखिल भारतीय अराजपत्रित अधिकारीयों के संगठन का 1 अप्रैल से 11 अप्रैल चलने वाले अधिवेशन का हुआ समापन,,,,,

देहरादून अखिल भारतीय अराजपत्रित अधिकारीयों के संगठन का 1 अप्रैल से 11 अप्रैल चलने वाले अधिवेशन का हुआ समापन,,,,,
देहरादून: 1 अप्रैल से 11 अप्रैल तक चलने वाला अखिल भारतीय अराजपत्रित अधिकारी के संगठन द्वारा पूरे देश के स्तर पर चल रहे प्रोग्राम के तहत आज 11 तारीख को रक्षा सचिव उत्पादन/ भारत सरकार को ओएलएफ ओ आई टी सी( प्रबंधक ) और सीएमडी / आई ओ एल के द्वारा ज्ञापन दिया गया। अभी तक यह प्रोग्राम शांतिपूर्ण ढंग से मनाया गया।
कल इसी कार्यक्रम के तहत 10 अप्रेल में संगठन के अध्यक्ष गिरीश चंद्र उप्रेती सचिन फिरोज खान ,बी पी मंगाई ,छबिलाल बेग ,सौम्या नायक ,राजेंद्र, रणबीर तोमर, सुरेंद्र सिंह ,जगतपाल सुशील कश्यप ,कृष्णा, कुलदीप कुमार, लक्ष्मी प्रसाद ,धर्मेंद्र ,अनिल कुमार रामचंद्र के अलावा संगठन के सभी साथियों ने बैज लगाकर शांतिपूर्ण ढंग से मनाया।
जब से निर्माणी कारपोरेट जगत में गई है यहां के कर्मचारियों का हाल बहुत बुरा है, आज कोई बताने को तैयार नहीं है कल हमारे साथ क्या होगा ,हमें ऑप्शन फॉर्म मिलेंगे, हम कब तक डेपुटेशन में रहेंगे। दिसंबर 2025 तक डीम डेपुटेशन है ,उसके बाद बढ़ाना या ना बढ़ाना या सरकार के हाथ में है।
आज मुख्यालय में मेजर जनरल आर्म्ड कोर्स का विजीट है उसके बाद पता चलेगा हमें कितना काम करना है आगे हमारी निर्माणी केसे बुलंदियों को छूएगी ,हम आर्मी को उच्च क्वालिटी के साथ टैकं का सामान दे पाएंगे।
आज दिन प्रतिदिन संख्या बल में कमी आ रही है नई एवं अनुकम्पा के आधार पर भर्तिया बंद है और उत्पादन बढ़ रहा है ऐसी हालत में निर्माणी को चलाना बड़ा मुश्किल काम है हमारा निवेदन है संख्या बल में तुरंत बढ़ोतरी की जाए ताकि आने वाले वर्ष का टारगेट टाइम से दिया जा सके और भी कई समस्याओं का निदान मुख्यालय द्वारा करना है हम मुख्यालय को पत्र द्वारा अपनी सभी समस्याओं को लिखकर समय-समय पर देते आ रहे हैं मगर बहुत सारी समस्याएं मुख्यालय और बोर्ड लेवल पर नहीं हो सकती ।
संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जे जय वर्धन रेड्डी और राष्ट्रीय सचिव श्री अजय जी और हमारे संयुक्त मंत्री संजीब मंङल और संरक्षक सचान जी द्वारा हमारी विभिन्न समस्याओं को निदान हेतू रक्षा मंत्रालय के हर स्तर पर उठा रहे हैं ।
आने वाले समय में पूरे देश के 41 आयुध निर्माणियों के कर्मचारियों का भविष्य का सवाल है जिनकी संख्या वर्तमान मे लगभग 50000 है,जो एक समय में डेढ़ लाख तक थी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता उमाशंकर शर्मा और समापन गिरीश चंद्र उप्रेती ने करते हुए कहा कि अगर अधिकारी समय पर कर्मचारियों की आवाज को नहीं सुनेंगे तो समाचार पत्रो के माध्यम से और श्रम आयुक्त के माध्यम से हम अपनी समस्याओं को उठाते रहेंगे ।