उत्तराखंड, 41 आयुध निर्माणियों के 60000 कर्मचारियों के भविष्य पर लगा प्रश्न चिन्ह? सरकार कर रही है आयुध निर्माणी कर्मचारियों के साथ सरासर धोखा,,,,,

उत्तराखंड, 41 आयुध निर्माणियों के 60000 कर्मचारियों के भविष्य पर लगा प्रश्न चिन्ह? सरकार कर रही है आयुध निर्माणी कर्मचारियों के साथ सरासर धोखा,,,,,

उत्तराखंड, 41 आयुध निर्माणियों के 60000 कर्मचारियों के भविष्य पर लगा प्रश्न चिन्ह? सरकार कर रही है आयुध निर्माणी कर्मचारियों के साथ सरासर धोखा,,,,,

देहरादून-  1801 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा प्रथम आयुध निर्माणी बनाई गई उसके बाद आजादी से पहले देश में 20- आयुध निर्माणी बनी थी आजादी के बाद 21 और निर्माणिया बनाई गई जो नो प्रॉफिट नो लॉस पर चलती थी जिनका काम भारतीय तीनों सेना को सभी प्रकार का समान टैंक गोली बारूद बारूद के अलावा जो भी भारतीय सेवा को सामान चाहिए वह सामान आयुध निर्माणी के कर्मचारी द्वारा दिया जाता है गाड़ी 1 टन 2 टन से लेकर 5 टन तक टेंट से लेकर वर्दी तक गोली से लेकर बारूद तक सभी प्रकार के सामान की जिम्मेवारी आयुध निर्माणी के कर्मचारियों की थी और रहेगी मगर सरकार ने रक्षा मंत्रालय के उद्योग को रक्षा मंत्रालय का उपक्रम बना दिया और आज इस उपक्रम की खुशी मना रहे हैं इसमें काम करने वाले कर्मचारी की सेवा शर्तों के बारे में एक कमेटी का गठन हुआ वह कमेटी इन कर्मचारियों की सर्विस मैटर से संबंध पॉलिसी मेकर बनेंगे सरकार ने आयुध निर्माणी के साथ और उनके कर्मचारियों के साथ एक बहुत बड़ा धोखा किया है 225 साल पुरानी इन निर्माण का अस्तित्व 2021 में समाप्त हो गया था उसके बाद यह निर्माणिया सात मुख्यालय में बदल दी गई और आज उनके कर्मचारियों से ऑप्शन फॉर्म और सेवा शर्तों के बारे में लिखित में लिया जाएगा बहुत सारे प्रलोभन दिए जाएंगे बहुत सारा लालच दिया जाएगा मगर कर्मचारियों को प्रसार भारती और जो कर्मचारी रक्षा मंत्रालय में भर्ती हुआ वह रक्षा मंत्रालय से सेवानिवृत होगा ऐसी शर्त आम कर्मचारियों को करनी चाहिए और ऑप्शन फॉर्म में लिखना चाहिए क्योंकि यह प्रश्न आज देश के 41 आयुध निर्माणियों के 60000 कर्मचारियों का भविष्य पर एक प्रश्न चिन्ह है यह प्रश्न को दूर करने के लिए बहुत सारा लालच दिया जाएगा आपको किसी लालच बहने की जरूरत नहीं है आप डेपुटेशन में है आपको रक्षा मंत्रालय से ही सेवानिवृत्ति होना है और प्रसार भारती मॉडल ही आपको चाहिए और हमें चाहिए इसके साथ पुरानी पेंशन नीति की भी बात होनी चाहिए साथ ही आठवां पे कमिशन आने वाला है सातवें पे कमिशन की विसंगतियां दूर की जाए तब आठवीं वेतन आयोग की बात हो इसके साथ ही संगठन अपने कर्मचारियों के प्रमोशन ट्रांसफर और अन्य लाभ जो निर्माणी में मिल रहे हैं और कुछ निर्माणियों में नहीं मिल रहे हैं इसके लिए हम हर स्तर पर बात कर रहे हैं और अगर समाधान नहीं मिला तो हमें मजबूरी में विधिक राय लेनी पड़ेगी जिसके लिए जिला श्रम आयुक्त कार्यालय के द्वारा बहुत सारी समस्याओं का समाधान के लिए उन्हें अवगत कराना पड़ेगा हम प्रशासन से यह भी निवेदन करते हैं कर्मचारियों के हित में जो काम आपके द्वारा है उसको 31 दिसंबर से पहले कर लेना चाहिए चाहे वह आर्थिक रूप से हो ट्रांसफर के रूप में हो ओवर टाइम के भेदभाव का रूप हो इन सभी बातों पर सकारात्मक वार्ता करनी चाहिए और जो काम डेपुटेशन से पहले हो सकते हैं उन काम को शीघ्र थी शीघ्र हल करने चाहिए अन्य मुद्दों पर जो भी बात होगी- गिरीश चंद्र उप्रेती सदस्य राष्ट्रीय परिषद सदस्य एचएलसी सदस्य जेसीएम 4th अध्यक्ष एन जी ओ एवं अध्यक्ष नॉर्थ जोन

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