हरिद्वार एनसीडीसी की टीम ने डॉक्टरों को दी ट्रेनिंग कोरोना काल में कुम्भ मेले का आयोजन है बड़ी चुनौती

हरिद्वार एनसीडीसी की टीम ने डॉक्टरों को दी ट्रेनिंग कोरोना काल में कुम्भ मेले का आयोजन है बड़ी चुनौती

abpindianews, हरिद्वार– महाकुंभ का आयोजन और कोरोना कि दस्तक स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौत साबित होगा। कोरोना वाइरस संक्रमण आने के बाद विश्व मे सबसे बड़ा आयोजन धर्मनगरी हरिद्वार में होने वाला महाकुंभ मेला है। सरकार के सामने कोरोना गाइडलाइंस के बीच कुम्भ मेला सम्पन्न कराना बड़ी चुनौती है। कुम्भ मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को संक्रमण से बचाने के लिए लगभग 5000 स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी, जिसमें करीब 500 डॉक्टर भी शामिल है। हरिद्वार के ऋषिकुल महाविद्यालय में बनाये गए कुम्भ मेला अस्पताल में कई डॉक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) और डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों द्वारा ये ट्रेनिंग दी जा रही है। डॉक्टरों की ट्रेनिंग का ये तीन दिवसीय कार्यक्रम है, जिसकी विधिवत शुरुआत हो चुकी है।

सोमवार से शुरू हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनसीडीसी की जॉइन्ट डायरेक्टर डॉ तेंजिन निकिड, हरिद्वार सीएमओ डॉ एसके झा, कुम्भ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए.एस सेंगर समेत डब्ल्यूएचओ से आये अधिकारी और कुम्भ मेले की ड्यूटी में तैनात कई डॉक्टर शामिल हुए। इस दौरान एनसीडीसी की जॉइन्ट डायरेक्टर डॉ तेंजिन निकिड ने बताया कि उनके द्वारा डॉक्टरों को ट्रेनिंग में यही बताया जा रहा है कि मेले के दौरान डिसीज सर्विलेंस को कैसे मजबूत बनाया जाए। उनके साथ टेक्निकल टीम भी आई हुई है जो केवल डिसीज सर्विलेंस को मजबूत करने के बारे में ही जानकारी दे रही है।

वही कुम्भ मेला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ ए. एस सेंगर ने बताया कि कुम्भ मेले के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। ऐसी स्थिति में कोरोना तो उनके लिए बड़ी चुनौती है ही लेकिन इतनी बड़ी भीड़ में अन्य बीमारियों के फैलने का खतरा भी पैदा हो जाता है। इसलिए किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए ये ट्रेनिंग दी जा रही है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि इस ट्रेनिंग के बाद एक टीम और हरिद्वार आएगी जो रिस्क एस्सेमेंट का सर्वे करेगी। ये भी कहा कि अभी मेले का नोटिफिकेशन नही हुआ है लेकिन उनकी तैयारी पूरी है फिलहाल लगभग 5000 स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती कुम्भ मेले में की जाएगी बाद में आवश्यकता पड़ने वाले ये संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। किसी भी कीमत पर स्वास्थ्य की दृष्टि से हमारा उद्देश्य कुंभ को सकुशल संपन्न कराना है।

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