दुख, दरिद्रता और कष्टों से मुक्ति का उपाय है जया एकादशी आइए जाने पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

दुख, दरिद्रता और कष्टों से मुक्ति का उपाय है जया एकादशी आइए जाने पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

abpindianews, हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ महीने को बेहद ही पवित्र और पुण्यदायी माना गया है। इसी माघ महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है। जया एकादशी के बारे में ऐसी मान्यता है कि, जो कोई भी इंसान इस एकादशी व्रत को रखता है उसके जीवन से दुख, दरिद्रता और कष्ट मुक्ति अवश्य होती है। सिर्फ इतना ही नहीं जया एकादशी व्रत को रखने से व्यक्ति के जीवन में भूत, प्रेत, पिशाच जैसी योनियों में जाने का भय नहीं रहता है। 

अगर आप भी जया एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं तो, आइए जानते हैं वर्ष 2021 में जया एकादशी कब पढ़ रही है और इस दिन का मुहूर्त क्या है?

23 फरवरी, 2021-मंगलवार ,जया एकादशी पारणा मुहूर्त :06:51:55 से 09:09:00 बजे तक

जया एकादशी पूजन विधि 

  • किसी भी एकादशी की ही तरह जया एकादशी व्रत के लिए व्रत रखने वाले इंसान को एकादशी से एक दिन पूर्व यानी दशमी के दिन से ही एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। 
  • इसके अलावा व्रत रहने वाले इंसान को संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना भी अनिवार्य होता है। 
  • एकादशी के दिन प्रातः काल स्नान आदि करने के बाद व्रत का संकल्प लें। 
  • इसके बाद पूजा में धूप, दीप, फल और पंचामृत अवश्य शामिल करें। 
  • इस दिन की पूजा में भगवान विष्णु के श्री कृष्ण अवतार की पूजा करने का विधान बताया गया है। 
  • एकादशी व्रत में रात्रि जागरण करना बेहद ही शुभ होता है। ऐसे में रात में जग कर श्री हरि के नाम का भजन करें। 
  • इसके बाद अगले दिन यानी द्वादशी के दिन अपनी यथाशक्ति के अनुसार किसी जरूरतमंद व्यक्ति या किसी ब्राह्मण को सम्मान भोजन कराएं। उन्हें दान दक्षिणा दें और उसके बाद ही अपना व्रत का पारण करें। 

जया एकादशी व्रत का महत्व

जया एकादशी का व्रत बेहद ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस व्रत के बारे में लोगों के बीच ऐसी मान्यता है कि, इस दिन का व्रत रखने वाला इंसान खुद को भूत, पिशाच इत्यादि योनि में पड़ने से बचा सकता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिए। इस दिन के व्रत में केवल फलाहार भोजन ही करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि, जया एकादशी के व्रत से व्यक्ति को अग्निष्टोम यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है। इसके अलावा जो कोई भी व्यक्ति जया एकादशी का व्रत रखता है उसके सभी पापों का अंत होता है और उनके घर में खुशियां और सुख शांति का वास होता है। 

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