उत्तराखंड पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी ने त्यागे प्राण, प्यार की अनोखी मिसाल, एक साथ हुआ दोनों का अंतिम संस्कार,,,,,
उत्तराखंड पति की मौत की खबर सुनते ही पत्नी ने त्यागे प्राण, प्यार की अनोखी मिसाल, एक साथ हुआ दोनों का अंतिम संस्कार,,,,,
टिहरी- विवाह में साथ जीने-मरने की कसम खाने वाले तो आपको कई जगह नजर आते हैं, लेकिन इन कसमों को निभाने वाले बहुत ही कम होते हैं. शादी के मंडप पर जन्म-जन्म का साथ निभाने की शपथ को निभाने वाली ऐसी ही एक जोड़ी ऐसी देखने को मिली।
- टिहरी घनसाली में अनोखी घटना आई सामने पति के मौत के बाद एक मिनट बाद पत्नी ने भी त्यागे प्राण।
- टिहरी घनसाली नैलचामी मज्याडी की सच्ची घटना पति सत्येश्वर अंथवाल के साथ पत्नी कौलेश्वरी देवी ने त्यागे प्राण।
- शादी के पूरे हुए थे 53 वां साल।
- कौलेश्वरी देवी हमेशा लोगों में चर्चा किया करती थी की में पति के साथ सती होंगी, वैसा ही हुआ भी।
उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के घनसाली क्षेत्र के ग्राम मज्याडी पट्टी नैलचामी में साक्षात देखने को मिला आपको बता दें कि 81 वर्षीय सतेश्वर अंथवाल बहुत लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे जिनका 2 दिसंबर को निधन हो गया लेकिन हैरानी की बात ये है की उनकी 70 वर्षीय धर्मपत्नी कोलेश्वरी देवी जो एकदम स्वस्थ थी लेकिन पति के मरने के तुरंत बाद प्राण त्याग दिए जो पूरे क्षेत्र में एक चर्चा का विषय बना हुआ है, लोग कह रहे की शादी के समय सात फेरों में जो एक साथ जीने मरने की कसम खाई थी वह हकीकत में निभा गई है कोई इसे सच्चा प्यार करार दे रहा है तो कोई कह रहा है कि उनकी किस्मत में विधवा रहने का कष्ट नहीं था तो कोई देवीय चमत्कार करार दे रहा है, लेकिन इस कलयुग में ऐसी घटनाएं काल्पनिक लगती हैं,उनके दामाद भटवाड़ा नैलचामी निवासी पंडित अरविंद शास्त्री बताते हैं कि उनकी शादी किए हुए 53 वर्ष पूरे हो गए थे, अक्सर दोनों आपस में बहुत लड़ते झगड़ते थे लेकिन एक दूसरे के लिए दिल में बहुत प्रेम था शास्त्री ने ये भी बताया कि वह पूर्व अध्यापक थे जिस तरह दोनों ने एक साथ प्राण त्यागे और एक साथ दोनों की चिता जली वह उनके अच्छे कर्मों का फल है।