उत्तराखंड संपत्ति हड़पने के चलते हुई महंत गोविंद दास की हत्या, पुलिस ने गुमशुदगी से उठाया पर्दा, चार को किया गिरफ्तार,,,,
हरिद्वार- कनखल थाना क्षेत्र स्थित आश्रम के लापता संत महंत गोविंददास की गुमशुदगी से पर्दा उठाते हुए पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आश्रम की संपत्ति हड़पने के लिए चारों आरोपियों ने महंत की गला घोंटकर हत्या करने के बाद शव को गंगा में फेंक दिया था। अभी शव बरामद नहीं हो पाया है।
हत्याकांड का खुलासा करने वाली पुलिस टीम की एसएसपी ने पीठ थपथपाते हुए पांच हजार इनाम देने की घोषणा की है। शनिवार को पुलिस मुख्यालय रोशनाबाद में हत्याकांड का खुलासा करते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि रुद्रानंद निवासी रायवाला गौरी गीता आश्रम बिरला मंदिर देहरादून ने 17 अक्तूबर को शिकायत दी थी कि उनके गुरु महंत गोविंद दास शिष्य बिशम्बर दास महाराज निवासी श्रद्धा भक्ति आश्रम ज्ञानलोक कॉलोनी कनखल बीते 15 जून को धर्म प्रचार के लिए आश्रम से राजस्थान गए थे।
इसके बाद वापस लौटकर नहीं आए। पुलिस ने मामले में गुमशुदगी दर्ज कर पड़ताल शुरू की। सामने आया कि जून माह 2024 से आश्रम में एक नया बाबा है, जिसे पहले नहीं देखा गया। इसके बाद पुलिस ने आगे की पड़ताल शुरू की। नए बाबा राम गोपाल नाथ से सख्ती से पूछताछ शुरू की गई तो तब सामने आया कि महंत गोविंद दास की हत्या की गई है।
लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया
मास्टरमाइंड उनके शिष्य अशोक कुमार निवासी गली नंबर 2 दुर्गापुरी एक्सटेंशन शाहदरा थाना ज्योति नगर दिल्ली ने ललित निवासी पृथ्वी बिहार नियर एफसीआई गोदाम, मेरठ रोड थाना 32 सेक्टर करनाल, संजीव कुमार त्यागी निवासी मुंडेत कोतवाली मंगलौर, योगी रामगोपाल नाथ उर्फ गोपाल सिंह निवासी ग्राम कोहरा थाना सजेती तहसील घाटमपुर जिला कानपुर यूपी के साथ मिलकर 1 जून को हत्या की थी हत्या से पहले महंत राम गोविंद दास को नशे का इंजेक्शन लगाकर मूर्छित कर गला घोटकर हत्या कर दी गई इसके बाद आरोपियों ने कट्टे में शव को रखकर किराए की स्कूटी की मदद से बैरागी कैंप क्षेत्र में गंगा में फेंक दिया था।
उसके बाद फर्जी बाबा राम गोपाल नाथ को पैसों का लालच देकर आश्रम की निगरानी के लिए बुलाया। महंत गोविंददास के बारे में पूछने पर धर्म प्रचार के लिए अयोध्या जाने की बात कहकर अयोध्या जाने की बात बताता रहा। महेंद्र को ठिकाने लगाने के बाद आरोपियों ने आश्रम को बेचने की रणनीति तय की प्रॉपर्टी डीलर संजीव त्यागी से मिलकर मेहनत किया बिल्कुल वैसे ही हस्ताक्षर फर्जी वसीयतनामा तैयार किया और करीब 10 करोड़ में संपत्ति को बेचने की डील की गई।