उत्तराखंड मानव-वन्यजीव संघर्ष पर जिला प्रशासन सख्त, संवेदनशील क्षेत्रों में बढ़ेगी हाईटेक निगरानी, DM सविन बंसल ने किया व्यापक एक्शन प्लान लागू,,,
देहरादून: मानव-वन्यजीव संघर्ष की बढ़ती घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में आ गया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में जिलाधिकारी सविन बंसल ने शनिवार को ऋषिपर्णा सभागार में वन विभाग, पुलिस, राजस्व, स्वास्थ्य एवं आपदा प्रबंधन सहित संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर ठोस रणनीति तैयार की। बैठक में अब तक किए गए प्रयासों, सामने आ रही चुनौतियों और भविष्य की कार्ययोजना पर गहन विचार-विमर्श किया गया।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट कहा कि मानव-वन्यजीव संघर्ष एक गंभीर विषय है, जिसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके लिए सभी विभागों को आपसी समन्वय के साथ कार्य करना होगा। संवेदनशील और वन्यजीव आवाजाही वाले क्षेत्रों में चेतावनी संकेतक लगाने, रात्रि गश्त बढ़ाने, त्वरित सूचना तंत्र को मजबूत करने तथा स्थानीय लोगों को सतर्क करने के निर्देश दिए गए।

🔴 हाईटेक उपकरणों के लिए बजट स्वीकृत 🔴
जंगली जानवरों को रिहायशी क्षेत्रों से दूर रखने के लिए जिलाधिकारी ने सेंसर्स आधारित तेज आवाज करने वाले उपकरण, एनाइडर, सोलर लाइट, कैमरे, फोकस लाइट सहित अन्य आधुनिक उपकरणों की खरीद के लिए वन विभाग को मौके पर ही बजट की स्वीकृति प्रदान की। साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में सतत गश्त के लिए अतिरिक्त मैनपावर और वाहनों की व्यवस्था शीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।

🔴 त्वरित रिस्पांस ग्रुप का गठन 🔴
मानव-वन्यजीव संघर्ष की किसी भी सूचना पर तुरंत कार्रवाई के लिए त्वरित रिस्पांस ग्रुप गठित करने के निर्देश दिए गए हैं। इस ग्रुप में सीएमओ, पुलिस, राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी शामिल होंगे। किसी भी घटना की सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करेगी, ताकि जनहानि और वन्यजीवों को नुकसान से बचाया जा सके तथा पीड़ितों को त्वरित उपचार और राहत मिल सके।
🔴 गुलदार के भय से स्कूल समय में बदलाव 🔴
सहसपुर ब्लॉक के राइका होरावाला क्षेत्र में गुलदार की सक्रियता को देखते हुए जिलाधिकारी ने छात्रों की सुरक्षा के मद्देनजर स्कूल के समय में बदलाव के निर्देश दिए। साथ ही क्षेत्र में निगरानी और गश्त और अधिक बढ़ाने को कहा गया।
आंकड़ों के साथ रखी गई स्थिति
बैठक में डीएफओ ने बताया कि जनपद देहरादून में कुल 84,059.2 हेक्टेयर वन क्षेत्र है, जिसमें 49,871.88 हेक्टेयर आरक्षित वन है। वर्ष 2010 से 2025 तक वन्यजीव हमलों में मानव मृत्यु के मामलों में 91 लाख रुपये, मानव घायल मामलों में 17 लाख रुपये तथा फसल क्षति में 85.58 लाख रुपये की मुआवजा राशि वितरित की गई है। इस वर्ष अब तक मानव-वन्यजीव संघर्ष में 4 लोगों की मृत्यु और 8 लोग घायल हुए हैं।
मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए सोलर फेंसिंग, हाथी रोधी सुरक्षा खाई, सतत गश्त, जन जागरूकता अभियान और वन्यजीवों के वास स्थलों में सुधार जैसे कार्य किए जा रहे हैं। वन विभाग ने सुरक्षा उपकरणों, मैनपावर और वाहनों की कमी की समस्या भी रखी, जिस पर जिलाधिकारी ने बजट स्वीकृत करते हुए प्रोएक्टिव तरीके से कार्य करने के निर्देश दिए।
बैठक में डीएफओ अमित कंवर, डीएफओ मयंक गर्ग, डीएफओ वैभव कुमार सिंह, एसएलएओ स्मृता परमार, एसडीएम अपर्णा ढौडियाल, सीओ मनोज असवाल, तहसीलदार रूप सिंह, एसीएफ अभिषेक मैठाणी, सरिता भट्ट, डीडीएमओ ऋषभ कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।
