उत्तराखंड राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कालेज में नए साल में दिखेंगे ये बदलाव,,,,
उत्तराखंड राजधानी देहरादून के दून मेडिकल कालेज में नए साल में दिखेंगे ये बदलाव,,,,
देहरादू- दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक जनवरी से रोजाना अलग-अलग रंग की चादरें बिछाई जाएंगी जिससे मरीजों को हर दिन धुली चादरें मिलें। वार्डों की सफाई और मरीजों की शिकायतों को दूर करने के लिए यह कदम उठाया गया है। साथ ही अस्पताल में गेट पास सिस्टम लागू होगा जिससे मरीज के साथ सिर्फ एक तीमारदार को रहने की अनुमति मिलेगी।
दून मेडिकल कालेज अस्पताल में अब बेड पर हर दिन अलग-अलग रंग की चादर बिछाई जाएगी। इसका मकसद अस्पताल में रोजाना चादर बदलना जरूरी करना है। रोज अलग रंग की चादर बिछाएं जाने से मरीजों को रोज धुली चादर मिलेगी। नयी व्यवस्था एक जनवरी से लागू कर दी जाएगी।
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि विभागीय मंत्री के आदेशानुसार अस्पताल में हर दिन अलग रंग की चादर बिछाने की व्यवस्था की जा रही है। उन्होंने बताया कि सोमवार को सफेद, मंगलवार को गुलाबी, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को बैंगनी, शनिवार को नीला और रविवार को हल्के भूरे रंग की चादर बिछाई जाएंगी। चादर खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
अस्पताल में वार्डो की सफाई पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मरीज व उनके परिजन की अक्सर शिकायत रहती थी कि बेड पर चादर नहीं बदली जाती है। एक ही चादर कई दिन तक बेड पर पड़ी रहती है। सात दिनों में सात रंग की चादर के पीछे एक कारण मरीजों की इस शिकायत को भी दूर करना है।
मरीज के साथ एक ही तीमारदार को मिलेगी अनुमति
दून मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती मरीजों के पास परिवार का सिर्फ एक सदस्य रह सकेगा। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन अगले कुछ दिन में गेट पास सिस्टम लागू कर कर देगा। अब भर्ती मरीजों से मिलने का समय भी निर्धारित किया जा रहा है। अस्पताल में बेवजह भीड़ को रोकने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।
प्राचार्य डा. गीता जैन ने मंगलवार को इस संबंध में अधिकारियों की बैठक ली। उन्होंने बताया कि अक्सर वार्डों में मरीजों के साथ कई लोग रहते है। ऐसे में संक्रमण का भी खतरा बना रहता है। इधर, तीमारदारों की आड़ में कुछ संदिग्ध लोग भी अस्पताल में घुस आते हैं जो चोरी की वारदात को अंजाम देते हैं।
अब अस्पताल प्रबंधन मरीजों के साथ केवल एक तीमारदार को ही रहने की इजाजत देगा। मरीज की फाइल बनते ही तीमारदार का गेट पास जारी कर दिया जाएगा। बिना गेट पास के किसी भी व्यक्ति की एंट्री वार्ड में नही हो पाएगी। यह व्यवस्था पुख्ता ढंग से लागू करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी आवश्यकतानुसार बढ़ाई जाएगी।
मरीजों के भोजन की प्रतिदिन होगी जांच
अस्पताल में मरीजों के खाने की गुणवत्ता की भी अब प्रतिदिन जांच होगी। इसके अलावा प्रत्येक वार्ड में भोजन का चार्ट भी लगाया जाएगा। चिकित्सा अधीक्षक डा. अनुराग अग्रवाल ने बताया कि खाने की गुणवत्ता जांच का रोस्टर तय कर दिया है। कैंटीन में साफ-सफाई, भोजन की गुणवत्ता की नियमित निगरानी की जाएगी। इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं होगी।