उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के पहले कांग्रेस का बड़ा फैसला, पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी ने इन तीन नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता,,,

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के पहले कांग्रेस का बड़ा फैसला, पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी ने इन तीन नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता,,,

उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के पहले कांग्रेस का बड़ा फैसला, पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी ने इन तीन नेताओं को दिखाया बाहर का रास्ता,,,

देहरादून: प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बीच कांग्रेस ने तीन नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. तीनों कांग्रेसी नेताओं को पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए 6 साल के लिए निष्कासित किया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुसार, तीनों नेता बीते लंबे समय से पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. इसलिए तत्काल प्रभाव से तीनों नेताओं को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है.

“कांग्रेस एक अनुशासित संगठन है. पार्टी में अगर कोई अनुशासनहीनता होती है तो इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. जो भी पार्टी लाइन के खिलाफ काम करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी”

कांग्रेस ने अपने जिन नेताओं को बाहर का रास्ता दिखाया है, उनमें पोखड़ा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कीरत सिंह नाम भी शामिल है. पार्टी का कहना है कि कांग्रेस के समर्थित उम्मीदवार होने के बावजूद कीरत सिंह ने विपक्षीय उम्मीदवार के समर्थन में अपना नामांकन वापस लिया है. इस तरह कीरत सिंह ने न सिर्फ कांग्रेस बल्कि, स्थानीय जनता की भावनाओं से भी खिलवाड़ किया है. इसलिए पार्टी ने कीरत सिंह को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया.

इसी तरह ब्लॉक अध्यक्ष खिर्सू चतर सिंह भी पार्टी समर्थित उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव में भाग ले रहे, जिसको पार्टी ने गंभीरता से लिया और इसलिए चतर सिंह को भी कांग्रेस ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया.

एक और अन्य मामले में कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सुलेमान अलीको पार्टी से बाहर किया है. सुलेमान अली पर आरोप है कि वो लंबे समय से पार्टी के अनुशासन के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. इनको देहरादून महानगर कांग्रेस कमेटी ने गंभीरता से लेते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और उन्हें भी पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

प्रदेश कांग्रेस अनुशासन समिति ने तीनों नेताओं की ओर से किए जा रहे कामों को अनुशासनहीनता माना है. इन कामों को पार्टी के खिलाफ मानते हुए कीरत सिंह, चतर सिंह और सुलेमान अली को उनके दायित्व से मुक्त करते हुए तत्काल प्रभाव से 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है.

abpindianews

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