उत्तराखंड की इस जेल में हुआ शिव महापुराण का आयोजन, कथा के श्रवण से मिलता है शिवलोक-स्वामी रामेश्वरानंद

उत्तराखंड की इस जेल में हुआ शिव महापुराण का आयोजन, कथा के श्रवण से मिलता है शिवलोक-स्वामी रामेश्वरानंद
हरिद्वार: श्री अखंड परशुराम अखाड़े की और से पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए निर्दोष नागरिकों की स्मृति में आयोजित की जा रही शिव महापुराण कथा का शुभारंभ कथाव्यास महामंडलेश्वर स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती के नेतृत्व में कलश यात्रा के साथ हुआ।
कैदियों को शिव महापुराण कथा का महात्मय श्रवण कराते हुए कथाव्यास स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि पद्मपुराण में वर्णन मिलता है कि किरात नगर में रहने वाला देवराज नामक ब्राह्मण एक वैश्या के संगति में पड़कर ब्राह्मण कर्म को छोड़ कर कुमार्ग पर चलने लगा। कुछ समय बाद देवराज ने प्रयागराज में जाकर शिव महापुराण कथा का श्रवण किया। इसके बाद वह मृत्यु को प्राप्त हो गया और शिवगण उसे शिव लोक ले गए। स्वामी रामेश्वरानंद सरस्वती ने बताया कि भगवान शिव कहते हैं कि कितना बड़ा पापी क्यों न हो, शिव महापुराण कथा श्रवण करने से उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे शिव लोक की प्राप्ति होती है।
श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्रीय के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधिर कौशिक ने कहा कि शिव महापुराण कथा का श्रवण करने से जीवन में किए गए सभी पापों का प्रायश्चित हो जाता है। पंडित अधीर कौशिक ने कहा कि कारागार में बंद कैदियों के कल्याण और उनकी मनोस्थिति में बदलाव के लिए अखाड़े की और से समय-समय पर जेल में कथा, सुंदरकांड पाठ व कीर्तन आदि का आयोजन किया जाता है।
वरिष्ठ जेल अधीक्षक मनोज कुमार आर्य ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों की याद में श्री अखड परशुराम अखाड़े के सहयोग से जेल में शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। जेल में बंद कैदियों व जेल स्टाफ को 9 दिनों तक कथा श्रवण का लाभ मिलेगा।
इस अवसर पर भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री, आचार्य संजय शास्त्री, डा.सुमित अग्रवाल, चौधरी बलविंदर, सत्यम शर्मा, विष्णु गौड़, जलज कौशिक, रूपेश कौशिक, कुलदीप शर्मा, मनोज ठाकुर, बृजमोहन शर्मा आदि मौजूद रहे।