पुराणों में ऐसी मान्यता है कि इस दिन सपरिवार मां गंगा जी का दर्शन पूजन करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश हो जाता है। इस दिन पूजा अर्चना करने से मनुष्य को सुख, सौभाग्य, धन, ऐश्वर्य और लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। हरिद्वार पहुंचने वाले एवं स्थानीय लोग गंगा स्नान एवं पूजा अर्चना करते हैं।
मां गंगा के जन्म उत्सव गंगा सप्तमी के दिन विशेष रूप से पूजा एवं आरती की व्यवस्था पंचायती धडा फिरेहेडियान रजि. के तत्वाधान में किया जाता है। गंगा सप्तमी के दिन ब्रह्मकुंड हर की पौड़ी पर पंचायती धडा फिरेहेडियान रजि. के तत्वाधान में विशेष रूप से मां गंगा की पूजा अर्चना, दुग्धाभिषेक एवं आरती की जाती है। गंगा सभा रजिस्टर्ड के अध्यक्ष नितिन गौतम ने पंचायती धडा फिरेहेडियान रजि. ज्वालापुर के सभी सदस्यों को पटका पहनाकर एवं गंगाजली बैठकर उनका स्वागत किया।
गंगा सप्तमी के पावन दिन कुशा घाट हरिद्वार से विधिवत पूजा अर्चना कर हजारों ब्राह्मण मां गंगा की पालकी को नगर भ्रमण होता है। जिसमें बड़ी संख्या में तीर्थ पुरोहितों ने “हर हर गंगे जय मां गंगे” के दिव्य उद्घोष के साथ मां गंगा जी की दिव्य शोभायात्रा ढोल-नगाड़ों, बैंड-बाजो के साथ कुशा घाट से प्रारंभ होकर बड़ा बाजार, सब्जी मंडी, रामघाट, श्रवणनाथ घाट, बिरला घाट, अपर रोड से होते हुए हर की पौड़ी गंगा आरती स्थल पर पहुंचती है। जहा आरती से पूर्व पंचायती धडा फिरेहेडियान रजि. ज्वालापुर के पदाधिकारियों एवं तीर्थ पुरोहितों के द्वारा मां गंगा जी का विशेष पूजन किया जाता है।
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गंगा सप्तमी पर धड़ा पंचायत फिराहेडियान के अध्यक्ष पंडित उमाशंकर वशिष्ठ, मंत्री सचिन कौशिक, अनिल कौशिक, सुधीर श्रोतिय, प्रदीप निगारे, वैभव भगत, उमेश कौशिक,विपुल मिश्रोटे, अनुज कौशिक, निशांत कौशिक आदि ने विधिवत दुग्धाभिषेक एवं पूजन कर मां गंगा जी को फल, फूल, वस्त्र एवं मिष्ठान अर्पित करते हुए मां भगवती गंगा जी की दिव्य आरती की तथा समस्त देश वासियों के आरोग्य एवं सुख समृद्धि की प्रार्थना की।