उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,260 करोड़ की योजनाओं की घोषणा और गढ़वाली भाषा में किया संबोधन,,,,

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,260 करोड़ की योजनाओं की घोषणा और गढ़वाली भाषा में किया संबोधन,,,,

उत्तराखंड राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8,260 करोड़ की योजनाओं की घोषणा और गढ़वाली भाषा में किया संबोधन,,,,

देहरादून: उत्तराखंड के राज्य गठन की 25वीं वर्षगाँठ के अवसर पर आज फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टिट्यूट (एफआरआई) में आयोजित मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने एक स्मारक डाक टिकट का विमोचन किया और उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राज्य की प्रगति का ब्यौरा दिया। साथ ही उन्होंने प्रदेश के लिए 8,260 करोड़ रुपये की नई योजनाओं की घोषणा कर राज्य को रजत जयंती की सौगात दी।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत स्थानीय गढ़वाली बोली में जनता का अभिवादन करके की और कहा कि उत्तराखंड ने विकास की राह पर उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने आशा जताई कि 2047 तक भारत विकसित देशों की श्रेणी में पहुँचने के संदर्भ में उत्तराखंड अपनी पूरी तैयारी में होगा।

उपलब्धियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि राज्य का वार्षिक बजट पहले लगभग चार हजार करोड़ रुपये था, जो अब पार होकर एक लाख करोड़ रुपये के स्तर से ऊपर पहुँच चुका है। ऊर्जा क्षेत्र में भी बड़ी छलांग लगने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन अब पहले से चार गुना अधिक है। सड़क संपर्क और बुनियादी संरचना में सुधार के साथ प्रदेश की मार्ग दूरी दोगुनी हो गई है, जबकि हवाई यात्राओं में वृद्धि के उदाहरण के तौर पर उन्होंने बताया कि पहले छह महीने में विमान मार्ग से चार हजार यात्री आते थे, अब एक ही दिन में इतनी संख्या हवाई मार्ग से आ रही है।

शैक्षिक और स्वास्थ्य क्षेत्रों में विस्तार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ी है और मेडिकल शिक्षा में भी बढ़ोतरी हुई — जहाँ पहले एक ही मेडिकल कॉलेज था, अब राज्य में दस मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। टीकाकरण कवरेज के प्रसार का हवाला देते हुए उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि आज लगभग हर गाँव इस कवरेज के दायरे में आ गया है।

प्रधानमंत्री ने पर्यटन, खेल, शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े परियोजनाओं को प्रदेश के विकास के अगले चरण के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में दो लाख से अधिक परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है, जो युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएँगी और आर्थिक गतिविधि को गति देंगी।

स्थानीय संसाधनों तथा संस्कृति के संवर्धन पर भी जोर देते हुए उन्होंने सुझाव दिए — आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों के उत्पादन और मांग को बढ़ावा देने, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में योग केंद्र और होम-स्टे पैकेज विकसित करने तथा पहाड़ी पकवानों को पर्यटन अनुभव का अभिन्न हिस्सा बनाने पर बल दिया। इसके अलावा उन्होंने “एक जिला — एक मेला” जैसे अभियानों का प्रस्ताव रखा ताकि फूलदेई, हरेला जैसे परम्परागत त्योहार राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच पर अधिक पहचान पाएं।

प्रशासनिक चुनौतियों पर भी प्रकाश डालते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भूमि अतिक्रमण और जनसंख्या परिवर्तन (डेमोग्राफिक चेंज) जैसे मुद्दों से निपटने के लिए राज्य सरकार ने कदम उठाए हैं और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में जनता की सहायता सुनिश्चित करने को प्राथमिकता दी जा रही है।

समारोह में केंद्रीय और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। रजत जयंती समारोह के इस खास मौके पर घोषित 8,260 करोड़ रुपये की योजनाएँ राज्य के विभिन्न क्षेत्रों — इंफ्रास्ट्रक्चर, पर्यटन, स्वास्थ्य और शिक्षा — में निवेशरत रहेंगी, जिनका उद्देश्य दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक विकास सुनिश्चित करना है।

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