हरिद्वार जूना अखाड़े के महायोगी पायलट बाबा ने ली माहासमाधि ,पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने की सूचना से संत समाज में शोक की लहर,,,,,
हरिद्वार जूना अखाड़े के महायोगी पायलट बाबा ने ली माहासमाधि ,पायलट बाबा के ब्रह्मलीन होने की सूचना से संत समाज में शोक की लहर,,,,,
हरिद्वार – जूना अखाड़े के पायलट बाबा ने ली माहासमाधि ,पायलट बाबा का ब्रह्मलीन होना संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। पायलट बाबा एक श्रेष्ठ संत रहे और उन्होंने विश्व शांति अभियान चलाया और पूरे विश्व में शांति के लिए अनेकों कार्य किया, पायलट बाबा के शिष्य सुनील सैनी ने बताया बाबा का जन्म बिहार के सासाराम में हुआ महायोगी पायलट बाबा ने विज्ञान की पढ़ाई की , भारतीय एयर फोर्स मैं बतौर पायलट एवं विंग कमांडर का पद हासिल कर 1961,19 65 ,1971 में चीन और पाकिस्तान की सेना के साथ कुशलता से लड़ाई लड़कर अपने ग्रीन पायलट होने का गौरव प्राप्त किया l विश्व शांति के लिए देश में अमन चैन लाने के लिए एवं सनातन की रक्षा के लिए 1974 में पायलट का पद त्याग कर जूना अखाड़े में सन्यासी बनने का संकल्प लिया बाबा जी ने निरंतर 100 से अधिक देशों में जूना अखाड़े में रहकर सनातन का प्रचार प्रसार किया और लाखों अनुयाई बनाएं 1998 आपको कुंभ मेले में महामंडलेश्वर की उपाधि से सुशोभित किया गया l अनेकों राज्यों में भू समाधि, जल समाधि लगाने का रिकॉर्ड बनाया , बाबा शिव तत्व हे भगवान शंकर के बहुत बड़े भगत रहे, उन्होंने बताया बाबा हमारे लिए हमेशा जीवंत रहेंगे एवं हमारे हृदय में हमेशा रहेंगे, बाबा का पूरा जीवन एक सच्चे योगी एवं समाज के हित के लिए रहा।
पायलट बाबा का ब्रह्मलीन होना संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति है। कनखल स्थित पायलट बाबा आश्रम पर कई साधु संत महात्माओं ने पहुंच कर पायलट बाबा को श्रद्धांजलि दी।