प्रभु श्री राम किसी की जागीर या विरासत नहीं प्रभु श्री राम सनातन धर्म की धरोहर हैं- स्वामी दीप्तानंद महाराज (मां काली अन्नपूर्णा मठ मंदिर, पीली पड़ाव, हरिद्वार)
प्रभु श्री राम किसी की जागीर या विरासत नहीं प्रभु श्री राम सनातन धर्म की धरोहर हैं- स्वामी दीप्तानंद महाराज (मां काली अन्नपूर्णा मठ मंदिर, पीली पड़ाव, हरिद्वार)
हरिद्वार : आज कलयुग में सतयुग का प्रवेश नजर आता है निष्ठा और पवित्रता का तिरस्कार कर राम के नाम का डंका बजाने का माध्यम हथियार बनाकर विश्व पर राज करना चाहते हैं संपूर्ण विश्व शाश्वत सत्य से परिचित हैं की प्रभु श्री राम सत्य कर्म और निष्ठा पवित्रता के प्रतीक पूज्य पात्र हैं और प्रभु श्री राम लला का जन्म अयोध्या धाम नगरी में ही हुआ था।
प्रभु श्री राम किसी की जागीर नहीं विरासत नहीं सनातन धर्म के धरोहर हैं। सदियों पुरानी संस्कार और संस्कृति का उत्पत्ति करता सृष्टि रचयिता स्वयं भगवान है। भगवान का जन्म पापियों के नाश करने के लिए धर्म की स्थापना के लिए सदियों पुरानी शास्त्रों में लेख लिखे हुए हैं जब-जब धर्म की हानि होती है तब तब परमात्मा प्रकट अवतरित स्वरूप निराकार रूप मनुष्य के स्वरूप में ही साकार होता है। आज राम मंदिर का मुद्दा राजनीति का मुद्दा बना हुआ है। प्रभु श्री राम लाल का स्थापना तो सदियों से चली आ रही है निष्क्रिय लोगों ने झगड़ा आतंक उलझने डालकर आज तक घसीटते चले आए और इस राम लला के मंदिर के लिए आदि गुरु शंकराचार्य की प्रेरणा दी हुई धर्म की रक्षा के लिए अनेकों अनेक संत महंत धर्म आचार्याओं ने अपना बलिदान दिए।
उत्तर प्रदेश के पावन भूमि में जन्म लेने वाले अनेकों अनेक ग्रस्त परिवारों ने अपना बलिदान दिए आज वह सेवकों का कोई नामोनिशान नहीं है यह बहुत दुख का विषय है आज राजनीति सत्ता इतनी निष्क्रिय डिसीजन लेने को तैयार हो गए कि हमारे धर्म आचार्य आदि गुरु शंकराचार्य के पीठ पर बैठे हुए दिव्य पुण्य पवित्र आत्मा के स्वरूप में संतों का अपमान कर कर आज पूरा विश्व में स्वयं की पूजा करवाना चाहते हैं। जब के प्राचीन काल से ही आदि अनादि काल से ही जितने राजा हुए परम आदरणीय सत्यवादी हुए जहां तक कि हमारे शास्त्र में लिखा हुआ है कि हमारे भगवान भी भगवाधारी संतों के महत्व सर्वश्रेष्ठ स्वरूप में प्रथम माना करते थे और आज बड़ा ही दुख का विषय है कि संतों को नीचे दिखाकर संपूर्ण विश्व में स्वयं को प्रचलित करना चाहते हैं हम पूछना चाहते हैं कि धर्म के लिए जिन्होंने बलिदान अनादि काल से देते चले आ रहे हैं उनके सम्मान पूजा निष्ठा पवित्रता क्या कोई बहुमूल्य नहीं क्या उनकी अपमान करना धर्म के लिए उचित है और वही बॉलीवुड के अनेकों अनेक फिल्म स्टारों को राम मंदिर के मुख्य स्टार बनकर आज मीडिया पर पेश करते हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने संस्कार और संस्कृति को बर्बाद करने का थान रखा है उन्हें राम मंदिर के ट्रस्ट में दानी दाताओं के लिस्ट में जोड़कर बहुत बड़ा पाप के भागीदार सरकार बन रहे हैं इतना ही नहीं हम यह भी कहना चाहते हैं की सदियों पुरानी रीत को खंडित ना करें धर्म की बिंदु भगवान की प्रतिमा को आस्था के रूप में पूजनीय प्राण प्रतिष्ठा के स्वरूप में आज आप भव्य मंदिर के रूप में विराजमान कर रहे हैं यह भारत ही नहीं संपूर्ण विश्व के लिए गौरव की बात है
राजनीति करना कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जब-जब धर्म की हानि होती है परमात्मा स्वयं प्रकट होकर अधर्मियों की नाश करते हैं।
प्रभु श्री राम मंदिर की स्थापना आज अयोध्या धाम नगरी में माननीय मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी के संरक्षण में किया जा रहा है बहुत ही खुशी और उत्साह की बात है हम भारत के सभी हिंदू मुस्लिम सिख इसाई समस्त भाई जनों से प्रार्थना करेंगे कि हमारा आस्था का केंद्र सदियों पुरानी रीत साकार होने जा रहा है।
खुशी का विषय है घर रह कर ही खुशियों को साकार करने के लिए अपने अनेकों अनेक प्रकार के पूजा पाठ नियमों आदि से खुशी मनाएं परंतु राजनीति का शिकार ना हो ध्यान रहे मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज नहीं लगभग ब
500 वर्ष पहले ही हो गया था आज तो केवल उनका भव्य मंदिर का निर्माण की प्राण प्रतिष्ठा किया जा रहा है मूल मंदिर आज भी वहीं स्थापित है जहां राम लला विराजमान है संपूर्ण विश्व के इस सृष्टि में रचे जाने वाले मनुष्य पांच भौतिक शरीर को प्राप्त करने वाले दिव्या पुण्य आत्मा के हृदय में रामलला आज भी विराजमान हैं सदियों से विराजमान थे और सदियों तक विराजमान रहेंगे।
अस्तित्व धरोहर को बचाने की जिम्मेवारी संपूर्ण विश्व की है मर्यादा पुरुषोत्तम राम मर्यादा के पात्र हैं। अमर्यादित लोगों के साथ नहीं है जब-जब राजाओं ने संतों का अपमान किया ऋषि मुनियों का अपमान किया राक्षसों ने धर्म का उल्लंघन किया तब तब परमात्मा किसी न किसी रूप में प्रकट होकर धर्म के रक्षा के लिए साधु संतों की रक्षा के लिए भगवान श्री हनुमान जो प्रभु श्री राम के दास हैं और सदैव रक्षक के रूप साक्षात रहते हैं धर्म की नीति को अपनाकर राष्ट्र की रक्षा की जा सकती है अधर्म की नीति पर चलकर संपूर्ण विश्व में केवल झगड़ा ही उत्पन्न किया जा सकता है।
सतयुग त्रेता द्वापर कलयुग। हर युग में परमात्मा की उत्पत्ति केवल निष्ठा और पवित्रता धर्म और नीति सत्य और संयम संस्कार और संस्कृति पाप और पुण्य कर्म सीखाने के लिए हुऐ। सारा संसार जानता है कि शास्त्रों में वर्णन है धर्म अर्थ काम मोक्ष अर्थात जिस राजा के अंदर धर्म नहीं होगी वह आर्थिक संपन्न नहीं हो सकता जिस राज्य में धन नहीं होगा वहां काम और विकास नहीं होगी जिस राज्य में विकास और त्याग नहीं होगा उसे राज्य का मोक्ष सुख शांति उल्लास नहीं होगी।
पुरे विश्व भक्तजनों से शरणागत होकर साष्टांग प्रणाम करते हुए प्रार्थना करते हुए हम कहना चाहेंगे हमारा विवाद धर्म नहीं हमारा विवाद गंदी राजनीति है और गंदे राजनीति से बच्चे प्रभु श्री राम हमारे हृदय में है हर शहर हर गांव हर राज्य में संपूर्ण विश्व तक भव्य स्वरूप में पूजा पाठ अर्चना आदि करें पर जहां आपकी धर्माचार्य का अपमान हो रहा हो उस जगह पर शांत होकर ना बैठे पाप करने वाले से ज्यादा पाप को सहन करने वाले पापी कहलाते हैं।
पुरे देश में खुशी का माहौल है शांति से स्थापना प्राण प्रतिष्ठा नव मंदिर में प्रवेश करने जा रहे हैं रामलला उनका आयोजन भव्य रूप में हो भगवान से हम बारंबार प्रार्थना करेंगे संपूर्ण विश्व में सुख शांति रहे पर आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री जी से हम प्रार्थना करते हुए अपने छोटी मुंह से यह कहना चाहेंगे की संपूर्ण विश्व ने राम मंदिर में दान दिया है संपूर्ण विश्व का अधिकार न छीने व्यक्तिगत आयोजन के वजह जिस तरह से कुंभ का आयोजन हर 12 वर्ष 6 वर्ष में किया जाता है उसी की भांति राम लला के जन्म स्थान महोत्सव दिवस मनाने के लिए सरकार घोषणा करें।
संपूर्ण विश्व से आने जाने वाले भक्तों का कोई रोक ना हो कोई पाबंदी न हो राम सबके हैं किसी के जागीर नहीं
विशेष रूप से यह कहना चाहेंगे कि राम मंदिर में आने वाले दान मूलधन से अगर चाहे तो पूरे उत्तर प्रदेश ही नहीं पूरे भारत को जितने भी धर्म सिद्ध पीठ स्थान सरकार के अंदर आती है। 12 ज्योतिर्लिंग सरकार के अंदर आते हैं वह सभी दानदाताओं के मूलधन से शिक्षा का व्यवस्था फ्री कर दिया जाए फ्री शिक्षा का अनुदान दिया जाए ताकि धर्म का पैसा धर्म में लगे और संपूर्ण भारत एकत्रित व्यक्तित्व वान शिक्षा उद्योग पति होकर पूरे विश्व विख्यात भारत नाम हो।
जय श्री राम जय श्री प्रभु हनुमान सत्य सनातन धर्म की जय हो संपूर्ण विश्व का कल्याण हो भारत माता की जय हो संत समाज की जय हो गौ माता की जय हो मात पिता की जय हो सनातन संस्कृति की जय हो।
राम मंदिर स्थापना के शुभ अवसर पर अपील प्रभु श्री राम की भांति सन्यासी जीवन यापन करने वाले संत महात्मा और गौ माता को राष्ट्रीय सम्मान दिया जाए।
आध्यात्मिक ज्योतिषाचार्य मां भगवती मां कालिका उपासक स्वामी दीप्तानंद महाराज मां काली अन्नपूर्णा मठ मंदिर पीली पड़ाव हरिद्वार , श्री गंगा भजन आश्रम आनंद बाग, भूपत वाला, हरिद्वार उत्तराखंड, श्री पातालेश्वर महादेव मठ मांडवी कच्छ गुजरात,श्री बृज धाम आश्रम वि आई पी रोड परिक्रमा मार्ग वृंदावन उत्तर प्रदेश।