उत्तराखंड देहरादून में आपदा प्रबंधन को लेकर अहम बैठक, प्रदेश में अब राहत, पुनर्निर्माण और बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को मिलेगी नई गति,,,

उत्तराखंड देहरादून में आपदा प्रबंधन को लेकर अहम बैठक, प्रदेश में अब राहत, पुनर्निर्माण और बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को मिलेगी नई गति,,,

उत्तराखंड देहरादून में आपदा प्रबंधन को लेकर अहम बैठक, प्रदेश में अब राहत, पुनर्निर्माण और बाढ़ सुरक्षा के कार्यों को मिलेगी नई गति,,,

देहरादून: 3 सितंबर उत्तराखंड राज्य में आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) एवं राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि (SDMF) के तहत कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए, जो आने वाले समय में राज्य की आपदा तैयारियों और राहत कार्यों को प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।

बैठक में पुलिस महानिदेशक को एसडीआरएफ दल को प्रशिक्षण हेतु वर्ष 2024–25 की अवशेष धनराशि को चालू वित्तीय वर्ष 2025–26 में व्यय करने की अनुमति प्रदान की गई। साथ ही जनपद चंपावत को पुनर्प्राप्ति एवं पुनर्निर्माण कार्यों के लिए और पौड़ी को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए दूसरी किश्त आबंटित किए जाने पर भी समिति ने सहमति दी।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मानव-वन्यजीव संघर्ष सहित अन्य आपदाओं से प्रभावित लोगों को अनुमन्य अनुग्रह सहायता शीघ्रातिशीघ्र वितरित की जाए और सभी लंबित मामलों का समयबद्ध निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

आपदा जैसी आपातकालीन स्थितियों में हेली सेवाओं के बेहतर उपयोग के लिए मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही, देहरादून की रिस्पना नदी के चैनलाइजेशन और ड्रेजिंग के कार्यों को सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग के बीच समन्वय के साथ शीघ्र प्रारंभ करने को कहा गया।

प्रदेश की सभी प्रमुख नदियों का वैज्ञानिक अध्ययन कर एक व्यापक कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश भी बैठक में दिए गए। खतरे की जद में आने वाली बस्तियों के लिए बाढ़ सुरक्षा कार्यों के प्रस्ताव प्राथमिकता के आधार पर तैयार किए जाएंगे।

राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत हो रहे कार्यों में जैविक उपायों को बढ़ावा देने की दृष्टि से मुख्य सचिव ने बायो इंजीनियरिंग और बायो फेंसिंग पर विशेष बल देने की बात कही। उन्होंने वन विभाग द्वारा जाइका (JICA) परियोजना के अंतर्गत किए जा रहे कार्यों को लेकर संबंधित विभागों के साथ वर्कशॉप आयोजित करने के भी निर्देश दिए।

बैठक में सचिव श्री शैलेश बगौली, श्री विनोद कुमार सुमन, श्री युगल किशोर पंत, अपर सचिव श्री विनीत कुमार, श्री आनन्द स्वरूप सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

यह बैठक राज्य में आपदा प्रबंधन व्यवस्था को और अधिक प्रभावशाली और जनोन्मुखी बनाने की दिशा में एक ठोस प्रयास के रूप में देखी जा रही है। इससे न केवल राहत और पुनर्निर्माण के कार्यों में गति आएगी, बल्कि राज्य की आपदा तैयारी को भी नई मजबूती मिलेगी।

abpindianews

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