उत्तराखंड में यहाँ पेड़ के तने के सहारे उफनाती नदी को पार कर रहे लोग, पैर फिसलने से हो सकता है बड़ा हादसा, कब मिलेगी राहत,,,,,,

उत्तराखंड में यहाँ पेड़ के तने के सहारे उफनाती नदी को पार कर रहे लोग, पैर फिसलने से हो सकता है बड़ा हादसा, कब मिलेगी राहत,,,,,,

उत्तराखंड में यहाँ पेड़ के तने के सहारे उफनाती नदी को पार कर रहे लोग, पैर फिसलने से हो सकता है बड़ा हादसा, कब मिलेगी राहत,,,,,,

उत्तरकाशी- उत्तरकाशी मोरी विकासखंड के लिवाड़ी गांव में लोक निर्माण विभाग की ट्राली बंद होने के कारण ग्रामीण जान जोखिम में डालकर सुपीन नदी को पेड़ के तने के सहारे पार कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल और ट्राली नहीं होने के कारण राशन गांव में पहुंचाने में सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है।

सबसे ज्यादा दिक्कत चीनी की हो रही है। लिवाड़ी गांव के लिए कासला से सुपिन नदी पर लोक निर्माण विभाग की ओर से ट्राली लगाई गई थी, लेकिन वह ट्राली इन दिनों बंद पड़ी हुई है। लिवाड़ी गांव के उप प्रधान दिनेश रावत सहित सुस्तानु लाल, गुरुदेव सिंह का कहना है कि पहले सुपिन नदी पर ग्रामीणों ने एक पुल बनाया था।

वह नदी के तेज बहाव के कारण बह गया था।वहीं उसके बाद लोक निर्माण विभाग ने वहां पर एक ट्राली लगाई, लेकिन वह भी कुछ समय तक चली, उसके बाद वह भी बंद हो गई।

कभी अगर विभाग को याद आती है तो मात्र 10 से पांच बजे तक चलाते हैं। उसके बाद बंद कर दी जाती है। अब ग्रामीण पेड़ के तने का पुल बनाकर आवाजाही कर रहे हैं। नदी को पार करते समय हल्का भी पैर फिसला तो सीधे नदी के तेज बहाव में बहने का खतरा बना रहता है।

वहीं, ग्रामीण अपना राशन भी गांव में नहीं पहुंचा पा रहे हैं। सबसे अधिक परेशानी चीनी के लिए हो रही है। चीनी नहीं मिलने के कारण ग्रामीण घरों में चाय नहीं बना पा रहे हैं।

इधर, जिला पूर्ति अधिकारी संतोष भट्ट का कहना है कि सितंबर माह तक का राशन मोरी के दूरस्थ गांव में जा चुका है। चीनी अंत्योदय कार्ड धारकों को मिलती है। वह भी 6 माह में एक बार ग्रामीण क्षेत्रों में जाती है।

abpindianews

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