निरंजनी ओर आनंद अखाड़े के कुंभ समाप्ति के बयान पर भडके सन्यासी अखाडे, माफी ना मांगने की स्थिति में कही संबंध विच्छेद की बात
abpindianews, हरिद्वार– महाकुंभ एक दिन पूर्व सन्यासी अखाड़ो के दो बड़े अखाड़ो द्वारा अपनी ओर से कुम्भ समाप्ति की घोषणा को बैरागी अखाड़ो की तीनों अनियो के संतों ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए दोनों अखाड़ो से माफी ना8 मांगने की स्थिति में संबंध विच्छेद की बात कही है। साथ ही कहा है कि सन्यासियों को कोई अधिकार नही की वे कुम्भ समाप्ति की बात कहे।
गत गुरुवार देर शाम को निरंजनी अखाड़े ओर उसके साथी अखाड़े आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर ओर सचिवों ने अखाड़े की ओर से कुम्भ समाप्ति की घोषणा की थी। जिस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए आज शुक्रवार को बैरागी कैम्प में बैरागी संतो की तीनों अनियो के संतों की बैठक हुई जिसके बाद पत्रकार वार्ता करते हुए निर्वाणी आणि अखडे के धर्मदास महाराज ने कहा कि अगर निरंजनी अखाड़े ओर आनंद अखाड़े के संतों को अगर स्नान नही करना था तो ना करें लेकिन कुम्भ समाप्ति की घोषणा का उन्हें अधिकार नही है ऐसा करके उन्होंने अक्षम्य अपराध किया है जिसके लिए उन्हें माफी मांगनी होगी। वही दिगम्बर अखाड़े के महंत कृष्ण दास का कहना है कि जब सरकार ने 30 अप्रैल तक मेले की घोषणा कर रखी है तो फिर निरंजनी ओर आनंद अखाड़े को क्या अधिकार है मेला समाप्त करने का। अगर ऐसे संत जिन्होंने मेले के समाप्ति की घोषणा की है वे माफी नही मांगते तो बैरागी संत उनका ओर अखाड़ा परिषद से अपना संबंद्ध विच्छेद कर लेंगे। प्रेस वार्ता में निर्मोही अखाड़े राजेन्द्र दास ने कहा कि मेला किसी व्यक्ति विशेष का नही है यह तो सभी 13 अखाड़ो का एक समान है। जिस किसी भी संत या अखाड़े ने कुम्भ मेला समाप्ति की बात कही है अगर वे सभी से माफी नही मंगते तो बैरागियों के सभी तीनो अखाड़े उनसे अपना संबंध विच्छेद कर देंगे।