उत्तराखंड प्रदेश में छात्रों को नया सत्र प्रारंभ होने से पहले मिलेंगी नई पाठ्य पुस्तकें, विभाग ने शुरू की, तैयारियां,,,,

उत्तराखंड प्रदेश में छात्रों को नया सत्र प्रारंभ होने से पहले मिलेंगी नई पाठ्य पुस्तकें, विभाग ने शुरू की, तैयारियां,,,,

उत्तराखंड प्रदेश में छात्रों को नया सत्र प्रारंभ होने से पहले मिलेंगी नई पाठ्य पुस्तकें, विभाग ने शुरू की, तैयारियां,,,,

देहरादून: शिक्षा विभाग की ओर से छात्र-छात्राओं को हर साल मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन सिस्टम की सुस्ती के चलते कक्षा एक से 12 वीं तक के इन छात्र-छात्राओं को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता रहा है।

प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं के लिए राहत की खबर है। अब उन्हें सरकार की ओर से मिलने वाली मुफ्त पाठ्य पुस्तकों के लिए पूरे साल इंतजार नहीं करना होगा। नया शिक्षा सत्र 2026-27 शुरू होने से पहले उन्हें पाठ्य पुस्तकें मिलेंगी।

शिक्षा विभाग की ओर से छात्र-छात्राओं को हर साल मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं, लेकिन सिस्टम की सुस्ती के चलते कक्षा एक से 12 वीं तक के इन छात्र-छात्राओं को इसके लिए लंबा इंतजार करना पड़ता रहा है। कोई छात्र बिना पुस्तक के स्कूल न आए इसके लिए विभाग ने स्कूलों में पुस्तकालय बनाए हैं। ताकि पुरानी किताबों को स्कूल में रखकर छात्रों को इसे उपलब्ध कराया जा सके। इसके बावजूद सभी छात्र-छात्राओं को समय पर पाठ्य पुस्तकें नहीं मिल पा रही थी, लेकिन शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद विभाग ने अभी से पाठ्य

🟢 पुस्तकें समय पर उपलब्ध कराने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. मुकुल कुमार सती ने इस संबंध में निदेशक अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सत्र 2025-26 में कक्षा एक से 12 वीं तक अध्ययनरत सभी छात्र-छात्राओं को सत्र शुरू होने से पहले 15 मार्च 2026 तक मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। पाठ्य पुस्तकों की साफ्टकॉपी 10 दिन के भीतर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराई जाए।

🟢 छात्रों को कभी समय पर नहीं मिलतीं पाठ्य पुस्तकें
प्रदेश के सरकारी और अशासकीय स्कूलों के छात्र-छात्राओं को हर साल नया शिक्षा सत्र शुरू होने से पहले मुफ्त पाठ्य पुस्तकें मिलनी चाहिए, लेकिन राज्य गठन के बाद इक्का दुक्का साल छोड़ दें तो छात्रों को कभी समय पर पाठ्य पुस्तकें नहीं मिली।

16 हजार स्कूलों के साढ़े आठ लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को मुफ्त पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध करानी है, शिक्षा मंत्री के निर्देश पर इसके लिए अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है- डॉ. मुकुल सती, निदेशक माध्यमिक शिक्षा

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