उत्तराखंड हरिद्वार चंडी घाट स्थित यह स्वागत द्वार दे रहा हे बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण, द्वार के ऊपर भरे पानी के रिसाव से जगह-जगह बनी दरारें, दरककर जगह-२ गिर रही है बाउंड्री,,,

उत्तराखंड हरिद्वार चंडी घाट स्थित यह स्वागत द्वार दे रहा हे बड़ी दुर्घटना को निमंत्रण, द्वार के ऊपर भरे पानी के रिसाव से जगह-जगह बनी दरारें, दरककर जगह-२ गिर रही है बाउंड्री,,,
हरिद्वार: विश्व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल हरिद्वार में चंडी घाट पल के सामने हरिद्वार नगर एंट्री पर बना यह स्वागत द्वार बन सकता है बड़ी दुर्घटना की वजह? आईए जानते हैं क्यों?
स्थानीय दुकानदार गोलू भारद्वाज से मिली जानकारी के अनुसार स्वागत द्वार का निर्माण वर्ष 2010 में कराया गया था। जिसको लगभग 15 वर्ष हो गए हैं। इसमें लगातार पिछले कई सालों से बरसात के बाद भी कई महीनो तक पानी टपकता रहता है। स्वागत द्वार के डिजाइन की बात करें तो इस डिजाइन में लेटर के ऊपर लगभग 40 X 6 का एरिया जोकि लगभग तीन-चार फीट ऊंचा है।
स्वागत द्वार के ऊपर बने इस हिस्से में निकासी द्वार? के बंद होने से पिछले कई सलों से लगातार इसमें बरसात का पानी जमा हो जाता है जोकि बरसात रुकने के बाद भी अगले कई महीनो तक रिस रिस कर टपकता रहता है। पानी के लगातार टपकने से स्वागत द्वार के लेटर पर जगह-जगह दरारें दिखाई दे रही है। स्वागत द्वार के ऊपर बने छज्जे भी कई जगह टूटे हैं तो कई जगह गिरने को तैयार हैं।
हरिद्वार आवागमन के मुख्य द्वार पर खड़ा यह है जर्जर द्वार जिसके नीचे अक्सर लोग धूप एवं बरसात से बचने के लिए खड़े होते हैं और दिन भर में लाखों लोग इस स्वागत द्वार के नीचे से गुजरते हैं बड़ी दुर्घटना की वजह बन सकता है। सावन के पवित्र महीने में जहां देश भर से करोड़ों श्रद्धालु हरिद्वार जल भरने आते हैं और प्रदेश सरकार उनका कांवड़ियों की सुविधा और सुविधा के लिए वचनबद्ध है। अब ऐसे में जिम्मेदार विभाग की अनदेखी या लापरवाही के चलते इस जर्जर स्वागत द्वार के गिरने से हो सकती है कोई बड़ी दुर्घटना।
स्वागत द्वार का आकार और वर्तमान खतरा
प्राप्त जानकारी के अनुसार स्वागत द्वार के डिजाइन की बात करें तो इस डिजाइन में लेटर के ऊपर लगभग 40 फुट लबाई X 6 फूड चड़ाई का एरिया जोकि लगभग तीन-चार फीट ऊंचा है। टोटल टैंक एरिया लगभग 720 sqft. या कुछ ऊपर नीचे, स्वागत द्वार की लंबाई एवं वर्तमान दुर्दशा और ऊपर पिछले कई साल से भरने और कई महीनो तक रिसने से स्वागत द्वार के लेटर में नीचे से ही खतरा साफ दिखाई दे रहा है।
सावन की बरसात और स्वागत द्वार में भरे पानी के लगातार हो रहे रिसाव को देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि यह स्वागत द्वार और कितने दिन हरिद्वार आने वाले श्रद्धालुओं का स्वागत करेगा या बनेगा किसी दुर्घटना की वजह।