उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हटाया पंचायती चुनावों पर स्टे, आयोग को तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के निर्देश,,,,,

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने हटाया पंचायती चुनावों पर स्टे, आयोग को तय कार्यक्रम के अनुसार चुनाव कराने के निर्देश,,,,,
नैनीताल: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर लगाए गए स्टे को हटा दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि अब चुनाव आयोग अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार पंचायत चुनाव कराएगा। वहीं सरकार को तीन सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
क्या है पूरा मामला?
बागेश्वर निवासी याचिकाकर्ता गणेश दत्त कांडपाल की आरक्षण से जुड़ी याचिका पर 23 जून को उत्तराखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता शोभित सहारिया ने पंचायत चुनावों में आरक्षण से संबंधित आपत्ति उठाई थी। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने सभी पक्षों को सुनने के बाद चुनावों पर लगी रोक को हटा लिया।
इन याचिकाओं पर हुई सुनवाई
आज की सुनवाई में पंचायत चुनावों में आरक्षण, क्षेत्र निर्धारण और आरक्षित सीटों को लेकर उठी लगभग 40 याचिकाओं को सुना गया। इन याचिकाओं में हर्ष प्रीतम सिंह, गंभीर सिंह चौहान, कवींद्र इस्तवाल, रामेश्वर, मो. सुहेल, सोबेन्द्र सिंह पड़ियार, प्रेम सिंह, विक्कार सिंह बाहेर, धर्मेंद्र सिंह और पंकज कुमार समेत कई नाम शामिल हैं।
इन सभी को बीरेंद्र सिंह बुटोला और गणेश दत्त कांडपाल की मूल याचिका के साथ जोड़कर सुना गया।
डोईवाला सीट पर भी उठा सवाल
याची के अधिवक्ता आदित्य सिंह ने डोईवाला विधानसभा क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के आरक्षण पर आपत्ति जताई। उन्होंने तर्क दिया कि वहां 63 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। हालांकि कोर्ट ने सामान्य महिला आरक्षण को सामान्य वर्ग में गिनने की दलील को सही नहीं माना और पैरवी अस्वीकार कर दी।
आरक्षण नियम क्या कहते हैं?
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि:
अनुसूचित जाति (SC), अनुसूचित जनजाति (ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षण निर्धारित होता है।
शेष सीटें सामान्य वर्ग के लिए होती हैं।
महिलाओं को प्रत्येक वर्ग में 33% आरक्षण का प्रावधान है।
मुख्य न्यायाधीश का बयान
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र ने स्पष्ट कहा कि “हम मेरिट के आधार पर सभी पक्षों को सुनेंगे।” इसके साथ ही 23 जून को जारी स्टे को समाप्त कर दिया गया और राज्य निर्वाचन आयोग को चुनाव प्रक्रिया को जारी रखने के निर्देश दिए।
निष्कर्ष:
अब उत्तराखंड में पंचायत चुनाव समयबद्ध रूप से संपन्न कराए जाएंगे। हालांकि सरकार को तीन हफ्तों में जवाब दाखिल करना होगा और चुनाव आयोग को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चुनाव संपन्न कराने होंगे।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव मामले में हाई कोर्ट में हुई सुनवाई।
सरकार को न्यायालय से बड़ी राहत।
सरकार को चुनाव कराने की मिली अनुमति
आज राज्य सरकार और याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट के समक्ष अपना पक्ष रखा।
हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों से स्टे हटाया ।
सरकार को काउन्टर पेश करने के लिए 3 हफ्ते का समय
नोमिनेशन फाईल करने की आखरी तारिख 3 दिन से बढाई गई
पूरा चुनावी कार्यक्रम 3 दिन के लिए आगे बढाया गया ।
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष ने कहा की कांग्रेस चुनाव के लिए पुरी तरह से तैयार।
कहा पारदर्शी चुनाव कराने का काम करें राज्य निर्वाचन आयोग।
हाई कोर्ट के पंचायत चुनावों पर आएं फैसले पर बीजेपी अध्यक्ष महेंद्र भट्ट की आई प्रतिक्रिया कहा हम चुनाव कराने को तैयार हम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते है।