हरिद्वार नगर निगम और शिवालिक नगर पालिका में बीजेपी के लिए सरदर्द बन सकते हैं संलग्न बिंदु, आखिर क्यों?

हरिद्वार नगर निगम और शिवालिक नगर पालिका में बीजेपी के लिए सरदर्द बन सकते हैं संलग्न बिंदु, आखिर क्यों?

हरिद्वार नगर निगम और शिवालिक नगर पालिका में बीजेपी के लिए सरदर्द बन सकते हैं संलग्न बिंदु, आखिर क्यों?

हरिद्वार (गौरव चक्रपाणी) – नगर निगम चुनाव 2025, नगर निगम हरिद्वार में आगामी मेयर और पार्षद पदों पर होने वाले चुनाव में नगर निगम हरिद्वार की जनता के रुझान एवं हरिद्वार के वर्तमान स्थिति पर नजर डालें तो कहना गलत नहीं होगा कि नगर निगम हरिद्वार और शिवालिक नगर पालिका में होने वाले चुनाव में पार्टी के लिए सरदर्द बन सकते हैं संलग्न बिंदु,,,

1. महाकुंभ प्रयागराज

हरिद्वार BJP का एक बड़ा वोट बैंक अखाड़े इस समय प्रयागराज में 144 साल बाद पड़ने वाले विशेष महाकुंभ में अपनें ईष्ट की तपस्या एव भक्ति में लीन हैं। और तपस्या के बीच से निकालकर आना शायद उन सबके लिए संभव नहीं हो पाएगा तो कहना गलत नहीं होगा कि हरिद्वार नगर निकाय चुनावो में हजारों से शुरुआत करने वाली BJP के कई हजार  वोटर आगामी चुनाव में नदारद रहेंगे। जिसके चलते मुख्य दोनों पार्टियों की फाइट 0 से आरंभ होगी।

2. BJP द्वारा स्थानीय स्तर पर पार्षदों का चुनाव

नगर निगम हरिद्वार और शिवालिक नगर पालिका चुनाव में प्रत्याशी पद के लिए अपना दावा पेश करने वाले ऐसे कई चेहरे सामने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में निकाल कर सामने आए हैं जो वार्डों में पार्टी के एक बड़े वोट बैंक को प्रभावित कर रहे हैं। जिसका विपक्ष को पूरा लाभ मिलेगा।

3. मुख्य स्थापित चेहरों से जनता की नाराज़गी

पूर्व में हरिद्वार और शिवालिक नगर पालिका में हुए कार्यों की गुणवत्ता और कुछ बड़े प्रकरणो (जैसे हरिद्वार में लाइब्रेरी कांड, अस्पताल से मेडिकल कॉलेज आदि) वही शिवालिक नगर पालिका में( लाइट घोटाला, पार्क घोटाला आदि) के चलते हरिद्वार एवं शिवालिक नगर की जनता पार्टी के स्थापित चेहरों से नाखुश नजर आ रही है। जिसका खामियाजा हरिद्वार नगर निगम में मेयर प्रत्याशी और शिवालिक नगर पालिका में चेयरमैन प्रत्याशी को भुगतना पड़ सकता है ।

4. एक ही गुरु के चले हैं दोनों पार्टि प्रत्याशियों के सरपनाह 

हरिद्वार नगर निकाय में भाजपा प्रत्याशी किरण जैसल के पति सुभाष चंद और कांग्रेस प्रत्याशी अमरेश देवी के पुत्र एडवोकेट वरुण बालियान दोनों भाई अमरीश की कोर टीम के सदस्य रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अमरीश कुमार जिनके हरिद्वार बचाओ आंदोलन को भी हरिद्वार की जनता अभी भूल नहीं पाई है। अब ऐसे में बड़ी बात यह है कि क्या बीजेपी के पास हरिद्वार में कोई स्थापित चेहरा मौजूद नहीं था? वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी के पति और पुत्र के चेहरों का उसके बैनर और अन्य जगहों पर न होना भी जनता की समझ से परे है। पार्टी कार्यकर्ताओं में भी कहीं ना कहीं इस बात को लेकर बड़ा विरोध और नाराज़गी  साफ नजर आ रही है। जिसका लाभ विपक्ष को मिल सकता है।

 

हरिद्वार का साइलेंट वोटर,मेयर प्रत्याशीयों के सरपनाहो की अपनी लोकप्रियता और वजूद और वर्तमान संलग्न बिंदुओं को देखते  हुए यह स्पष्ट है कि विपक्ष को इसका लाभ मिलेगा परंतु हरिद्वार नगर निगम और शिवालिक नगर पालिका के आगामी चुनाव का ऊंट किस करवट बैठेगा अभी यह कहना मुश्किल है।

 

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