कैलाशानंद गिरी के पट्टाभिषेक को रोकने के लिए कोर्ट जाएंगे प्रज्ञानानंद
हरिद्वार।
निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के पद पर 14 जनवरी का कैलाशनन्द गिरी का होगा पट्टाभिषेक, जिसको लेकर विवाद है कि थमने का नाम नही ले रहा है। पट्टाभिषेक से पूर्व स्वामी प्रज्ञानानन्द महाराज ने पत्रकार वार्ता करते हुए खुद के अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर होने का दावा करते हुए कहा कि उनके पद पर रहते और इस्तीफा दिए बिना किसी की नियुक्ति कैसे हो सकती है ,वे ही अखाड़े के आचार्य है और रहेंगे। जिसके लिए वे कोर्ट भी जा रहे है।
स्वामी प्रज्ञानानन्द महाराज ने आज पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि जब से उन्होंने इस कार्यक्रम का विरोध करना प्रारंभ किया है उन्हें धमकियां मिल रही है जिसकी शिकायत उन्होंने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और पुलिस अधिकारियों से की है। साथ ही उन्होंने पत्रकारों को बताया कि वे 14 जनवरी को निरंजनी अखाड़े में आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रोकने के लिए संत महात्माओं से वार्ता के साथ साथ कोर्ट की शरण मे जा रहे है। उनका कहना है कि किसी चरित्रहीन और भूमाफिया को इस पद पर बैठाया जाय यह बर्दाश्त नही किया जाएगा, ऐसा करने पर अखाड़े की गरिमा खंडित होगी, जिसकी रक्षा के लिए वे हर संभव कार्य करेंगे। ओर फिर भी निरंजनी अखाडा ऐसा करता है तो
वे न्यायालय की शरण लेंगे और संत महंत और धर्माचार्यो की शरण मे जाएंगे जिनकी उपस्थिति में उनका पट्टाभिषेक हुआ था। आचार्य की गद्दी बेशकीमती ही इसे बेचा नही जा सकता है ,अगर ऐसे लोग आएंगे तो अखाड़े की सफाई का भी अभियान चलाना होगा ।