हरीश रावत का सोशल मीडिया पर दे-दनादन,इन नेताओं को घर तक छोड़कर मानेगे

हरीश रावत का सोशल मीडिया पर दे-दनादन,इन नेताओं को घर तक छोड़कर मानेगे
हरीश रावत का एक और ट्वीट

हरीश रावत का सोशल मीडिया पर दनादन ट्वीट,दूर की मार कर रहे हरदा।

देहरादून(गौरव शर्मा )। हरीश रावत का सोशल मीडिया पर सीएम फेस को लेकर ट्वीट का सिलसिला रुकने का नाम नही ले रहा है।

बुधवार को उन्होंने दूसरी बार ट्वीट में पूर्व सीएम हरीश रावत का दर्द झलकता है दिखाई दिया।

अपने इस ट्वीट में उन्होंने न केवल सीएम फेस को घोषित करने की मांग की अपितु उन्होंने युवाओं को बागडोर देने का भी जिक्र किया।

हरीश रावत का एक और ट्वीट
हरीश रावत का एक और ट्वीट

दरअसल हरीश रावत ट्वीट के बहाने अपनो पर निशाना साध रहे है।

प्रदेश प्रभारी के कुमाऊँ दौरे के बाद से हरीश रावत लगातार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम चेहरा घोषित किये जाने की मांग कर रहे है।

उनकी इस मांग पर नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश ने उन्हें परम्परा याद दिलाने की कोशिश की थी।

जिसके बाद हरदा ने एक ओर ट्वीट करके इंदिरा ह्रदयेश पर पलटवार करते हुए पार्टी को होटल की चारदीवारी में कैद होने की बात कही थी।

यही नही उन्होंने इंदिरा को आड़े हाथ लेते हुए 2017 के परिणाम का भी जिक्र करते हुए इशारों ही इशारों में निशाना साधा था।

अपने इस ट्वीट में हरीश रावत का पुराना दर्द तो निकल कर बाहर आया ही साथ ही उन्होंने अपने साथ पार्टी कार्यक्रमो में हुए व्यवहार का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में दो ही पद महत्वपूर्ण होते है, अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष जो कार्यकर्ताओं को जोड़ने का काम करे।

हरीश रावत ने पार्टी में जनरेशन चेंज के लिए प्रोत्साहन करना होगा,जिससे पार्टी का भविष्य हो।

पढ़े हरीश रावत का ट्वीट………

#उत्तराखंड_कांग्रेस ने मुझे सामूहिकता के लायक नहीं समझा है। यह उसी दिन स्पष्ट हो गया था, जब #प्रदेश कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्यों व पदाधिकारीयों की पहली #बैठक हुई थी, उस बैठक में #मंच से पार्टी के #शुभंकर_महामंत्री संगठन ने 3 बार #नेताओं की जिंदाबाद बुलवाई, AICC के #सचिवगणों की भी जिंदाबाद लगाई गई, मगर नवनियुक्त #AICC_महासचिव_हरीश_रावत को मंच से जिंदाबाद बुलवाने के लायक नहीं समझा गया। यदि इन बातों को अलग रखकर भी विचार करें, तो भी #मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना पार्टी हित में होगा। प्रदेश में स्थान-स्थान पर जनआंदोलन हो रहे हैं। #राज्य में दो प्रमुख पद हैं, उन जनसंघर्षों को कांग्रेस के साथ जोड़ने के लिये आवश्यक है कि #अध्यक्ष या #नेता_प्रतिपक्ष वहां पहुँचे और अन्याय व पीड़ितों जिनमें कांग्रेसजन भी सम्मिलित हैं, उनके मनोबल को बढ़ाएं। आज हरीश रावत के लिये ऐसा करना संभव नहीं है, हमें युवा हाथों में बागडोर देने के लिये उत्सुक होना चाहिये, पार्टी के भविष्य के लिये जनरेशन चेंज को प्रोत्साहित करना, पार्टी की सेवा है। मैं, अपने को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत कर रहा हूँ, ताकि अन्य राज्यों और क्षेत्रों में भी यह सिलसिला आगे बढ़ सके।

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