गंगा की निर्मलता और अविरलता को लेकर मातृ सदन फिर अनशन पर
abpindianews, हरिद्वार– पिछले लगभग 2 दशकों से लगातार गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए काम करने वाली संस्था मातृ सदन के संत एक बार फिर तपस्या पर बैठ गए हैं । मातृ सदन की ओर से इस बार अनशन पर बैठने वाले आत्मबोध आनंद चार मांगों को लेकर अनशन पर बैठे हैं। गंगा में बनने वाली जल विद्युत परियोजनाओं, बांधो और खनन को लेकर मातृ सदन लगातार लड़ाई लड़ता चला आ रहा है और जिसे लेकर यहाँ के संतों ने कई बार अनशन किया है जिसमे अनशन करते हुए मातृ सदन के तीन संत अपना बलिदान भी दे चुके हैं। इस बार मातृ सदन के संत, स्वर्गीय प्रोफेसर जीडी अग्रवाल(स्वामी सानंद) द्वारा उठाई गई मांगों को लेकर ही आगे बढ़ते हुए अनशन कर रहे हैं उनके अनुसार उनकी चार मांगों में गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बन रहे समस्त बांधो को निरस्त किये जाने, खनन पर रायवाला से लेकर रायघाटी तक पूर्ण प्रतिबंध, स्टोन क्रशरो को गंगा से 5 किलोमीटर दूर ओर गंगा परिषद बनाये जाने की मांगे शामिल है।
मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद के अनुसार मातृ सदन के संतों के बलिदान के बावजूद सरकारें नही चेतीं हैं। उनका कहना है कि उनकी मांगों में केवल वही मुख्य मांगे हैं जिस पर सरकार ने उन्हें पूर्व में लिखित आश्वासन दे रखे हैं अगर सरकार वही पूरे कर ले तो भी इतना ही बहुत होगा। वही अनशन पर बैठे आत्मबोध आनंद ने कहा कि अभी उन्होंने केवल अन्न त्यागा है जबकि वे जल और शहद नींबू ले रहे हैं लेकिन जैसे सरकार की हठधर्मिता रहेगी उसी के अनुसार उनका अनशन भी और कठोर होता चला जाएगा।