उत्तराखंड के जंगलों की आग पर काबू करेंगे हैलीकॉप्टर, अधिकारियों के लिए भी सख्त निर्देश, छुट्टी कैंसिल

उत्तराखंड के जंगलों की आग पर काबू करेंगे हैलीकॉप्टर, अधिकारियों के लिए भी सख्त निर्देश, छुट्टी कैंसिल

abpindianews, देहरादून– जंगलों की आग के क्लियर उत्तराखंड को दो हैलीकॉप्टर मिल गए है। उत्तराखंड में इन दिनों जंगलों में आग लगने की घटना में तीजी देखने को मिल रही है। इस आग पर काबू पाने के लिए वन विभाग को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। केंद्र से जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए केंद्र से दो हैलीकॉप्टर मिल गए है।

उत्तराखंड के जंगलों की आग पर काबू करेंगे हैलीकॉप्टर,प्रदेश में इस वर्ष 983 घटनाएं हुई हैं,जिससे 1292 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है। वर्तमान में 40 एक्टिव फायर चल रही है। नैनीताल, अल्मोड़ा, टिहरी गढ़वाल और पौड़ी गढ़वाल वनाग्नि से अधिक प्रभावित है। वनाग्नि को रोकने के लिए 12 हजार वन कर्मी लगे हैं। 1300 फायर क्रू स्टेशन बनाए गए हैं।

सीएम तीरथ सिंह रावत ने राविवार को वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने बताया है कि प्रदेश में वनाग्नि की बढ़ती घटनाओं पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दो हेलीकाप्टर उपलब्घ कराए गए हैं। इस संबंध में उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर वार्ता हुई है। केंद्रीय गृह मंत्री ने हर सम्भव सहायता के प्रति आश्वस्त किया है। आवश्यकता होने पर एनडीआरएफ की टीमें भी भेजी जाएंगी। एक हेलीकाप्टर गौचर में स्टेशन करेगा जो कि श्रीनगर से पानी लेगा। दूसरा हेलीकाप्टर हल्द्वानी में स्टेशन करेगा और भीमताल झील से पानी लेगा। राज्य के अधिकारी केंद्र सरकार के अधिकारियों के लगातार सम्पर्क में हैं।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर वन विभाग के सभी अधिकारियों के अवकाश पर रोक लगा दी गई है। सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपने कार्यक्षेत्र में बने रहने को कहा गया है।प्रदेश भर में तैनात किए गए फायर वॉचर को 24 घंटे निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि की घटनाओं की सूचना कंट्रोल रूम को अविलम्ब मिलनी चाहिए और रेस्पोंस टाईम में कमी लाई जाए। वन पंचायतों सहित स्थानीय लोगों का सहयोग लिया जाए परंतु इस बात का ध्यान रखा जाए कि बच्चे और बुजुर्ग आग बुझाने के लिए न जाएं।लोगों को जागरूक किया जाए। इसके लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जाए।गांवों और रिहायशी इलाकों के आसपास झाडियां साफ की जाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वनाग्नि से क्षति होने पर प्रभावितो को मानकों के अनुरूप मुआवजा जल्द से जल्द मिल जाना चाहिए।फील्ड स्तर पर गाड़ियों व उपकरणों की कमी नहीं होनी चाहिए। जहां जरूरी हो,वहां तत्काल बिना समय गंवाए इनकी व्यवस्था कर ली जाएं। कंट्रोल रूम की संख्या बढ़ाई जाए।

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